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Dr. Om Prakash Ratnaker

Drama

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Dr. Om Prakash Ratnaker

Drama

लकीरों के फ़रेब में मत आना

लकीरों के फ़रेब में मत आना

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आप कोशिश इतनी ख़ामोशी से करो

सफ़लता जिसकी इश्तहार करे

आप जानते हैं कि,

हर तूफ़ान बवंडर नहीं बनते


हर गहरे पानी समन्दर नहीं बनते

ये सब कर्मों का नतीजा है वरना

ऐसे ही कोई सिकंदर नहीं बनते।

 

हौसलों की उड़ान इस कदर रखो

कि गिर जाने का डर ना हो

रिश्तें कुछ गहरे इस तरह बनाओ

कि टूट जाने का फ़िकर ना हो


आप जानते हैं कि,

हर मुकाम हर किसी को मुकम्मल नहीं होता

हर आँखों में एक ही ख़्वाब मुसलसल नहीं होता

हर कदम पे हसरतें मजबूत रखो


अपने ख्वाहिशों को पूरा करने का इक़ हस्र रखना

चाहतों को पूरा करने का सब्र रखना

थोड़ी देर भले ही हो

इरादों के साथ-साथ नियत भी साफ़ रखो


क़िस्मत के हाथों सब कुछ मत छोड़ देना यारो

आप “हाथों की लकीरों के फ़रेब में मत आना

क्योंकि ज्योत्षियों की दुकानों पे मुकद्दर नहीं बिकते”


ये सब कर्मों का नतीजा है वरना

ऐसे ही कोई सिकंदर नहीं बनते।


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