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Shyamm Jha

Crime Drama Tragedy

5.0  

Shyamm Jha

Crime Drama Tragedy

स्त्रियाँ सेफ नहीं

स्त्रियाँ सेफ नहीं

2 mins
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वह स्त्री,

जिसके हाथों में बाला

और अंगूठे पर जुड़वा तिल

होठों से सुर्ख मासूमियत चहक रही थी

मैट्रो से जाते हुवे रोज उसे देखता था

उसके भोलेपन और उदार दिल को

जब किसी बृद्ध और जरूरत मंद

देख कहती थी आप बैठ जाइए

मुझे अभी उतरना है

कहते हुवे चली जाती थी


कितने ही स्टेशन दर स्टेशन

हाथों से मोबाइल पकड़

तिल वाले अंगूठे से चलाते हुवे

अपने समाज के आस पास

घटना को पढ़ते और सुनते हुवे

आजकल स्त्रियाँ सेफ नहीं है


अपनी माँ अपनी बहन बुआ से

बच्चपन से ही,

जब वो सात साल की थी

इस्कूल जाते वक्त

स्कूल के बस ड्राइवर जब भी

उसकी उँगली पकड़

बस में चढ़ा और उतार देता था

आइसक्रीम वाले अंकल

दे देते थे मुफ्त में एक क्रीम

और वो हमेशा कहती थी

पता नहीं वो क्यों कहते है

स्त्रियाँसेफ नहीं है ?


वो अब सात से सतरह

इसी प्रश्न संग बढ़ गयी है

वो देखती है अपने समाज मे

दुर्गा काली लक्ष्मी सरस्वती पूजा

जहाँ पूजे जाते हैं स्त्रियाँ और कुंआरी

पर होता है क्यों, क्यों कहते है ?

स्त्री सेफ नहीं है।


तभी अचानक मैट्रो की भीड़ बढ़ी

उसे अपने से ही जकड़न लगी

कुछ अजीब लगा कोल्हू पर

कोताहुल हो उतर गई

और बैठ गयी आरटीवी मे

रात के 11 बज रहे थे

आरटीवी में उसके अलावा थे कुछ लोग

जो कर रहे थे अपने की होड़

माँ बहन बेटी को ले आये थे

बातों से ही बातों के बाजार


उसे रहा नहीं गया उतर गई

करवाया बुक निजी कैब

फिर चली गन्तव्य की ओर

कुछ दूर चलने के बाद

ड्राइवर कहने लगा

मैम कितने पैसे लोगे

वो समझ नहीं सकी


ड्राइवर ने ऐसा क्यों कहा

वैसे ही जैसे बच्चपन से नहीं समझ पाई

स्त्रियां बाहर सेफ क्यों नहीं है

कैब अब रुक चुकी थी

ड्राइवर का अंदाज अलग था

वो पीछले सीट पर आगया

सहलाया हाथ उसके पीठ पर

वो समझ चुकी थी चाल

वह सहमी सी चिलाय

तोड़ दिया दरवाजा

भाग चली काली बस्ती से काली रात में


दिखा एक रोशनी एक घर से

आस लिए पास गई

धन्यवाद माधौ ! ये तो पुलिस बीट है


वो पहुँच सारी कहानी कहने लगी

कहने लगी वो क्यों नहीं सेफ है

उसको पानी का ग्लास देते हुए

बीट निरक्षक उसके समीप गए

तिल वाले हाथ सहलाते कहा

तुम इतनी रात क्या कर रही थी

तुम्हारे देह पर क्यों नहीं निशान है


ना ही तुम्हारा हुआ रेप है

और कहती तुम नहीं सेफ हो

बताओ बनाऊ कैसे फ़ाइल

ओ राम सिहं मैम को छोड़ आउ

इनके अपने बाप के घर


वो चार दिन बाद आज फिर दिखी

उसी अंदाज में उसी मासूमियत संग

पर तेवर अलग था

तिल वाला अंगूठा से मोबाइल में

आर्टिकल लिख रही थी

आजकल स्त्रियाँ सेफ नहीं है।


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