आए नहीं तुम
आए नहीं तुम
कर गए थे वादा मिलने का,
मगर निभाने आए नहीं तुम,
बरस रहें ये नैन जैसे बरखा,
इनको रोकने आए नहीं तुम !
रिश्ता बना अब ख़ामोशियों से,
यादों के समंदर में डूबने लगे,
उल्फ़त में तेरी इस कदर उलझे,
सुलझाने हमको आए नहीं तुम !
छोड़ दी गलियाँ हमने तुम्हारी,
ग़म से अब समझौता कर लिया,
मोहब्बत थी तुमसे हमेशा रहेगी,
वफ़ा मेरी समझ पाए नहीं तुम !