महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
नीला होता जाता है आसमान।
जैसे ध्यान से जग रहे हों महादेव।
शाम होते ही फिर से ध्यान में लीन हो जाते हैं महादेव।
नीला और गहरा... और गहरा हो जाता है।
हो जाती है रात।
शिव हैै शक्ति
शिव है भक्ति
शिव हैै संसार।।
सुख भी तेरा दुख भी तेरा रात
और प्रभात भी तेरी जीवन मिले या काल
घिरे हो बढे इशारे पा कर तेरी फिर काहे
भरमाए सुख मन दुख से आखिर डरता क्यों
हे शिव जब सब ही तेरा हैं।।
जब अंत समय निकट आएगा
शिव का दिव्य विमान नज़र आएगा
जाऊँगा शिव धाम की ओर
शिव के हाथो में है मेरी डोर।।
पाऊंगा शिव चरणों में स्थान महादेव है
सबसे महान लुटा दूँ उनपे
ये सारा जहाँ वो है मेरा अभिमान
अंत में मोक्ष पा जाऊँगा फिर लौट कर
इस दुनिया में नहीं आऊंगा अगर आना ही पड़ा
इस दुनिया में तो शिव को साथ लेकर ही आऊंगा।।
