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Ajay Nannar

Abstract Others

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Ajay Nannar

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चंद्रविलास

चंद्रविलास

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  निळ्या आकाशी, 

  सोनेरी तांबूस किरण, 

  सांजेला लागूनी... 

  सूर्य निजला....... 


  चोहीकडे अंधार पसरे.... 

  काजव्यांच्या मिणमिणत्या प्रकाशात, 

  पानांच्या निजलेल्या श्वासात, 

  घर करून राहे..... 


  निरभ्र आकाश, 

  चांदण्याच्या प्रकाशात.... 

  समुद्राच्या किनाऱ्यावरी

  शीतल प्रकाशात.... 

  ताऱ्यांच्या बेटावरी.... 

  निजलेला...... 


  रात्रीच्या मखमली प्रकाशात, 

  ऐसा वाढत जाई..... 

  मंद वाऱ्याची लाजरी झुळूक

  ऐकू येई कानी.... 

   

  कोल्हेकुई मध्यरात्री, 

  येई कानी...... 

  शीतल छायेत... 

  रात्र ही जागी...... 


  शांत ही रात्र, 

  मिणमिणत्या प्रकाशा संगे.... 

  राज्यात वावरे तो.... 

            चंद्रविलास 🌙🌚🌜


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