सिनेमा
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अगर मैं आपसे आपकी पसंदीदा फ़िल्म के बारे में जानना चाहता हूँ।तो जाहिर है आपका जवाब मेरी इच्छा के अनुकूल होगा कि आप जरूर एक मूवी का नाम बतायेंगे।अब मूवी कौनसी है ये आपकी इच्छा है ।लेकिन अगर ये प्रश्न आप मुझसे पूछे तो मेरा जवाब शायद अलग होगा क्योंकि मुझे फिल्में बहुत पसंद है ,और हर फिल्म में यूनिक ढूंढना चाहता हूँ। जो मुझे अन्य किसी दूसरी फ़िल्म में नहीं मिलेगा।
कुछ फिल्म्स है जिनसे मैं प्रभावित हुआ -
1 . अंग्रेजी मीडियम - एक ऐसी फिल्म लगी मुझे जिसमें कहीं न कहीं अदृश्य ईश्क़ जो एक पिता सिंगल पेरेंट्स होकर देता है शायद कोई तारिका बंसल नहीं समझ पाएगी । वो इसिलए नहीं कि आपके माता पिता सिंगल पेरेंट्स है या फिर हर पिता एक अदृश्य ईश्क़ करता है।वो इसीलिए की हर तारिका बंसल अपने पिता को पहचानने से इनकार करेगी । वहाँ यूनिक है कि आपअपने पेरेंट्स को कितना महत्व देते हो।
दो बेस्ट डायलॉग -1 "हमारा धंधा मीठे का है लेकिन वफादारी नमक से है। ",
2 - " अगर 18 के बाद आपको अपनी लाइफ बनानी है तो बनाओ , जोश है लेकिन किसी टाइम पर वापिस भी तो आ जाओ , हर माँ बा
प को थोड़ी बहूत उम्मीद होती है जब भी उसे जरूरत पड़ेगी उसका बेटा उसका हाथ थामेगा। ये क्या बात हुई आप 18 तक अपने माँ बाप को यूज किया और फिर फ्रीडम के नाम पर तुम अपना देखो हम अपना देख लेंगे जी।"
2. टेबल न. 21 - किसी को भी आपकी जिंदगी के साथ खेलने का कोई अधिकार नहीं है लेकिन हर कोई मिस्टर विवान बनकर हर किसी अकरम को खोखला ढाँचा बना देता है । महाविद्यालयों में होने वाली रैगिंग का समाज पर पड़ता बुरा असर और उसको उसी भाषा में दिया गया जवाब मुझे यूनिक लगा।
3. अपने - एक पिता और बेटे के बीच की दूरी को शायद जितना मैं समझ सकता हूँ उतना कोई नहीं समझ सकता है , इसीलिए नहीं कि पापा से झगड़ा हुआ है या फिर अनबन है , मेरी पता नहीं कौनसी घटना थी जिसने एक पुत्र से पिता को छीन लिया लेकिन आज भी पापा से बात करने में झिझक होती है।
उनका हर लफ्ज आँखों पर लेकिन मुझे हमेशा अपने मूवी की तरह एक दूरी तय हो गयी है और अब.............
क्रमशः..