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Shishpal Chiniya

Abstract

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Shishpal Chiniya

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फादर्स डे स्पेशल

फादर्स डे स्पेशल

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अभी दो-तीन दिन पहले फादर्स डे आया था ना , सभी ने अपने व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाए , अपनी फेसबुक पर स्टोरी लगाई, फेसबुक पर पोस्ट भी डाली । इंस्टा पर भी बहुत सारे मैसेज और बहुत सारी स्टोरी वगैरा मतलब जितनी सोशल साइट्स है जिसमें हम एक्टिव रहते हैं ऑलमोस्ट सभी में यही था । फादर्स डे स्पेशल । अब मुझे समझ नहीं आता अपने पापा की सेल्फी व्हाट्सएप पर , फेसबुक पर, पर इंस्टा पर लगाकर फादर्स डे विश कर सकते हो । तो क्या हो सकता है । क्या वास्तव में ऐसा हो सकता है मुझे नहीं लगता ।

और अगर ऐसा हो सकता है तो फिर वृद्ध आश्रम में पापा ही है आपके बेटे थोड़ी है ।


एक्चुअली मैं और मेरे पापा कभी आपस में साथ बैठ नहीं सकते शायद बचपन से जो थोड़ा बहुत डर था या जो बचपन से जो दूरी रहती है वह आज भी कायम है । हम बिना मतलब से उनके पास बैठ नहीं सकते । उनके साथ फोटो नहीं ले सकते । हिम्मत नहीं होती मुझे भी इसलिए याद आया कि फादर्स डे स्पेशल पर सभी ने अपने पापा के साथ सेल्फी , जिसमें लगभग के पिताजी के जो हाथ है वह बेटे के कंधों पर है मेरे पास ऐसी कोई फोटो नहीं थी । शायद इसलिए नहीं कि हमारे बीच कुछ दूरी ज्यादा थी या फिर शायद इसलिए नहीं कि मैं उनके साथ फोटो ले नहीं सकता । और यह भी तो नहीं हो सकता ना कि हम फादर्स डे स्पेशल पर वही फोटो लगाएं जिसमें पिताजी एकदम नजदीक से हो और जो गाना हमने लगाया वो एकदम सटीक बैठता हो । 

मेरे पास फोटो नहीं है जिसमें मै अपने पापा के एकदम नजदीक हूं।

और पापा मतलब इसका मतलब यह भी नहीं है कि पापा आप मुझसे नाराज है या फिर मैं पापा से नाराज हूं । या हमारी कभी बनती नहीं है । हां एक बात और है मेरी मेरे पापा से बहुत कम बनती है बहुत सारे फैसले होते हैं जो वह सहमत नहीं होते हैं या फिर उनके बहुत सारे फैसले होते जिनमें मैं सहमत नहीं होता । यह दूरी हमारे बीच में हम बचपन से है और इससे हमारे रिश्तो में कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि जब बचपन से चला रहा तो कुछ खास फर्क नहीं पड़ता । अब धीरे-धीरे जब यह दूरियां बढ़ने लगती है ना तो इसका मतलब यह त

ो नहीं है ना कि वह मेरे अच्छे पापा नहीं बन पाए या फिर मैं उनका बेटा नही बन पाया । एक बात मैं कहना जरूर चाहूंगा मेरे पास पापा की वह फोटो नहीं है इसमें वह मेरे एकदम मस्ती या फिर नजदीक भी हो ।

इतना जरूर कहना चाहूंगा कि आई लव यू  मैं आपको सामने से कभी नहीं कर पाऊंगा शायद मेरी हिम्मत ही नहीं होती हां मैंने अपनी मम्मी को बहुत बार कहा और उसे वापस कहलवाया भी है। क्योंकि वह कह सकती है मैंने अपने पापा से कभी नहीं कहा आई लव शायद कह नहीं पाऊंगा ।

यह सिर्फ मेरे विचार है आपको अच्छी लगी या ना लगी आपकी मर्जी इतना जरूर कहना चाहूंगा यह जो दूरी है या तो मजबूरी है तो फिर मजबूती है दुनिया की नजरों में या तो आप मेरे अच्छे पापा नहीं बन पाए या फिर मैं आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया लेकिन मेरी नजरों में आप मेरी दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो और मैं दुनिया का सबसे अच्छा बेटा । आप मेरे हीरो हो मैं आपका हीरो ।

हमेशा से सुनते आ रहे हैं कि जब पापा के जूते अगर बेटे के फिट आने लग जाए ना तो फिर वह बेटा नहीं रहता वह दोस्त बन जाता है। 

आपके जूते मेरे 3 साल पहले ही फिट आने वाले थे । आज तक मैं आपका अच्छा दोस्त नहीं बन पाया ।

कुछ सीक्रेट होते हैं जो फिल्मों में पापा के साथ डिस्कस किया जाते है कुछ ऐसे सीक्रेट होते हैं जो पापा भी अपने बेटों के साथ डिसकस करते है।

हमारे बीच की दूरियां , यह दूरियां शब्द गलत है क्योंकि दूरियां है नहीं अगर मैं कहूं तो ये एक तरह के संस्कार माने जाते हैं ।

हमारे राजस्थान में , खासकर ,हमारे शेखावाटी इलाके में माना जाता है कि जब तक अपना बेटा शादी के लायक नहीं हो जाता तब तक वह पापा से हंसकर बात नहीं कर सकता है । क्योंकि इससे संगत पर गलत असर पड़ता है क्योंकि वही तो एक मात्र इंसान है आपके जो आपको आंख दिखाकर रख सकते हैं जो आपको गलत करने पर डांट सकते हैं । अगर आप उनके साथ हंसने लगे तो फिर मतलब ही क्या है ।


आई लव यू डैड





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