रजनीगंधा फूल तुम्हारे
रजनीगंधा फूल तुम्हारे
रजनीगंधा फूल तुम्हारे, महके यूँ ही जीवन में...गाना नहीं है ये ख्वाब है हमारे, मने तुमसे किये गये वादे। वो सपने जो सितारों की छांव के नीचे देखे गये और सूरज की किरणों तले पूरे किये जायेंगे।तुम हमें हमसे बेहतर जानती हो और हमें सबसे बेहतर निखार देती हो।वो का कहते है ना अंग्रेजी में "ब्रिंग आउट द बेस्ट इन यू" वो बस तुम ही कर पाती हो।कश्मीर की सर्द बर्फ सी तुम हमारा ध्यान बस अपने पर कर लेती हो। और फ़िर सब बस आस पास होलोग्राम सा हो जाता है।
और तुम हो जाती है हमारे सच!एक दफा कहा था तुमने, शाम को तुम्हारे जैसा होना चाहिए, याद है?
शांत, सांवली, झुकते आंखों सी और चिड़ीयों की आवाजों को होना चाहिए थोड़ा और तुम्हारी तरह!
काश वो होती...तुम हो, दूर किसी नदी में खेलते बच्चों की उन्मुक्त, जो उस वक्त बस उस नदी के होते है जैसे मेरे साथ तुम बस मेरी होती हो...तुम हो, प्रेम का पर्याय...
यूँ ही महके प्रीत पिया की मेरे अनुरागी मन में।