मुझे मेरी किताब का अंत नहीं मिल रहा था, मिल जाता अगर कभी किसी से इश्क़ हुआ होता तो... मुझे मेरी किताब का अंत नहीं मिल रहा था, मिल जाता अगर कभी किसी से इश्क़ हुआ होता त...
ऐसा नहीं था की प्यार मर चुका था, प्यार ज़िंदा था, लेकिन कोमा में पड़े किसी मरीज़ की तरह था... ऐसा नहीं था की प्यार मर चुका था, प्यार ज़िंदा था, लेकिन कोमा में पड़े किसी मरीज़ की...
पति - पत्नी और उनकी दो कप चाय...। पति - पत्नी और उनकी दो कप चाय...।
काव्या काव्या
अमित को अपने हाथ मे कुछ महसूस होता हैं । वो उसको देखता नहीं हैं और मुट्ठी बन्द कर लेता है। अमित को अपने हाथ मे कुछ महसूस होता हैं । वो उसको देखता नहीं हैं और मुट्ठी बन्द क...
इससे बहुत कुछ साफ हो गया था अब हमें आरिश को ढूढ़ना था और उनकी मदद करनी थी। इससे बहुत कुछ साफ हो गया था अब हमें आरिश को ढूढ़ना था और उनकी मदद करनी थी।