राघव के आंसुओं ने ही सब बोल दिया। राघव के आंसुओं ने ही सब बोल दिया।
अमित को अपने हाथ मे कुछ महसूस होता हैं । वो उसको देखता नहीं हैं और मुट्ठी बन्द कर लेता है। अमित को अपने हाथ मे कुछ महसूस होता हैं । वो उसको देखता नहीं हैं और मुट्ठी बन्द क...
इससे बहुत कुछ साफ हो गया था अब हमें आरिश को ढूढ़ना था और उनकी मदद करनी थी। इससे बहुत कुछ साफ हो गया था अब हमें आरिश को ढूढ़ना था और उनकी मदद करनी थी।
वह सकल घरेलू महिला थी। वह सकल घरेलू महिला थी।
सूरज ये सुन कर बेहोश होकर जमीन में गिर गया। सूरज ये सुन कर बेहोश होकर जमीन में गिर गया।
मुझे मेरी किताब का अंत नहीं मिल रहा था, मिल जाता अगर कभी किसी से इश्क़ हुआ होता तो... मुझे मेरी किताब का अंत नहीं मिल रहा था, मिल जाता अगर कभी किसी से इश्क़ हुआ होता त...