नवाँ दिन
नवाँ दिन


नौ दिन नवरात्रि का भी पूरा हुआ और 21days लॉक डाउन का भी
रोज़ सुबह उठते हैं तो ये सवाल ज़हन में जरूर होता है कि आज कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी होगी या कम हुई होगी ? स्थिति नियंत्रण में होगी या नियंत्रण से बाहर ? ऐसा मेरे ही साथ होता है या आपके साथ भी?
पर जवाब हमेशा अनचाहा ही मिलता है यानि संख्या रोज़ बढ़ी हुई ही मिलती है
आज रामनवमीमर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म दिवस भी
पौराणिक कथाओं के अनुसारउनका जन्म भी तो पाप और पापियों को मिटाने के लिए के लिए हुआ था नआज के समय मे कोरोना से बड़ा पाप या पापी कौन है आओ रामलला, सबकी पुकार सुनो न।
मुक्ति दिलाओ इस पाप से इस दुःख से।
12-13 सालों से कन्यापूजन करती हूँ। पहली बार कन्यापूजन बिना कन्याओं के हुआबुलाती भी तो कैसे और कोई भेजता भी क्यूँ मैं खुद भी नहीं
माँ दुर्गा !तुम्हीं पुकार सुन लो-
पहले भी ये बात हो चुकी है कि ये समय ज़िन्दगी के प्रति हमारा नज़रिया तो जरूर बदल देगाइसी सिलसिले हुआ कुछ यूँ की आज हमारी काम वाली जो पहले मेरा फोन देख के उठाती नहीं थी (ऐसा मेरा बस शक़ है) आज खुद फोन कर हाल चाल पूछ रही हैकब आना है पूछ रही है। पर हाय रे ये कैसी विडंबना वो सामने खड़ी काम करना चाहती है, मुझे जरूरत भी है पर करवा नहीं सकती'सोशल डिस्टेंटिंग' फिर कैसे अमल होगी
सब्जी, दूध,फल और जरूरत के अन्य सामानों की आपूर्ति सामान्य तो नहीं पर ऐसी कोई खास दिक्कत भी नहीं
थोड़ा बहुत इधर-उधर के साथ समय कट तो रहा है पर प्रश्न अभी भी वही बरकरार है कि आखिर कब तक।