बीसवाँ दिन
बीसवाँ दिन
प्रिय डायरी
13/4/20
बीसवाँ दिन।
21दिन लॉक डाउन की समय सीमा खत्म होने को है।
हालाँकि कई राज्यों ने तो इसके पहले ही लॉक डाउन बढ़ा दिया है।
कल 10 बजे मोदी जी फिर से जनता के मुख़ातिब होने वाले वाले हैं। अटकलों के साथ जिज्ञासा बनी हुई है कि देखें क्या संदेश/आदेश लेकर आते हैं।
उम्मीद थी कि इस लॉक डाउन के खत्म होते होते हालात ठीक से बेहतर हो जाएंगे।
पर हुआ उल्टा।
ये तो बद से बदतर हो गए, पर अच्छी बात ये है कि, आशाएं, उम्मीदें, कोशिशें ,हौसले...सब अपनी जगह बरकरार हैं।
आँकड़े तो अभी भी अपनी रफ़्तार बढ़ाए हुए है। आज 9000 पार।
कैसा क्रूर, अत्याचारी दुश्मन है जिसकी गिरफ्त में नवजात शिशुओं से लेकर वयोवृद्ध... सब हैं।
कल निहंग सिखों के हमले में जिस ए.एस.आई हरजीत सिंह ने अपना हाथ खो दिया था, आज डॉक्टरों ने जोड़ तो दिया है, परंतु ये पूर्ववत काम कर पायेगा या नहीं। इसका पता चलना बाकी है। जरूर करेगा काम ..हम सब की दुआ है।
अभी कोरोना का कहर कम था क्या जो कहीं तूफ़ान ने (मिसिसिपी) तो कहीं भूकंप (दिल्ली) ने दस्तक दी।
हे भगवान ! कितने इम्तेहान बाकी है।
इस कोरोना में एक बदलाव ये देखने को मिलता है कि ज्यादातर लोगों का विश्वास 'खाकी वर्दी' में बढ़ा है। प्रशासन भी अपनी तरफ से हर सम्भव मदद और प्रयास कर ही रहा है।
मेहनत रंग लाएगी।
फतह हमारी होगी।