नमक
नमक
" जल्दी से खाकर बताइये कैसी बनी है? "
पत्नी ने प्रसन्नता पूर्वक पति के सामने विभिन्न व्यंजनो से सजी थाली रखते हुए कहा , और वहीं नीचे बैठकर किराने के समान का हिसाब लगाने लगी।
" ...श्रीमति जी ! आज फिर सब्जी में नमक डालना भूल गई। कभी चाय में चीनी, तो कभी सब्जियों में नमक, मसालों का भी तालमेल नहीं बैठ रहा...। ना जाने कहाँ ध्यान रहता है तुम्हारा !" पति ने तीखी मिर्च की तरह अपने शब्दों के बाण फेंकते हुए कहा।
तभी घर की डोर बेल बज़ी और वो लगभग दौड़ती हुई दरवाजा खोलने गई।
" आर्या तुम! आओ आओ यूँ अचानक! तुम सब तो बाहर घूमने गए थे ना। कैसा र
हा ट्रिप तुम्हारा ? "
" बहुत ही बढ़िया... भाभी, सालों बाद निकले थे मज़ा आ गया ।" उसने चहकते हुए कहा।
" सही समय पर आई हो चलो हाथ मुँह धो लो और तुम भी खाना खा लो, तुम्हारें भईया भी अभी ही बैठे है खाने पर। "
सहसा उसे आभास हुआ जैसे पति ने कुछ कहा था ।
"तुमने कुछ कहा क्या ? ...कुछ चाहिए तुम्हें? अभी तुम्हारे लिए थोड़ी सब्जी और ले आती हूँ... तुम्हें मिक्स वेज बहुत पसंद है ना! " उत्तर की प्रतिक्षा किये बिना वो रसोई घर की ओर मुड़ी । पति ने खाने का स्वाद लेते हुए कहा, " मैंने... तो.. कहा.. तुम भी तैयारी कर लो, हम जल्द ही कहीं घूमने चलेंगे...। "