मन की शक्ति
मन की शक्ति
ब्रह्मांड मुझे हमेशा ही बहुत रहस्यमय लगा है। अपने अंदर अनंत वेद और रहस्य छुपाए हुए, कहते हैं के जैसे विचार और भावनाएं आप ब्रह्मांड को भेजेंगे वैसे यह ब्रह्मांड आपको वापस देगा। इस बात पर अंग्रेज लेखिका रोंडा बर्न कि कई किताबें आई और फिल्म भी बनी है। अगर हम नफरत के विचार भेजेंगे अपने आसपास हमें नफरत ही मिलेगी और प्यार भेजेंगे तो प्यार मिलेगा। यह है हमारे विचारों की शक्ति। हमारे मन की शक्ति और यह इतनी तीव्र होती है की इस का रिजल्ट तुरंत ही मिलता है बस चाहने और सोचने में शिद्दत होनी चाहिए।
एक मामूली सा अनुभव बांटना चाहूंगी। क्या सच में सोचा हुआ हो जाता है? सन 2016 की बात है। मेरे पति बहुत बीमार थे, रात भर हम सब हॉस्पिटल के इमरजेंसी में खड़े रहे। मेरे पति जीवन और मौत के बीच में झूलते रहे। सुबह उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया। हालत ठीक नहीं थी शरीर काला पड़ गया था। दोपहर में मैं घर आ गई। नहाई धोई' पर कहीं मन नहीं लग रहा था। दोपहर 3:00 बजे के करीब मेरे मुंह से निकला - हे देवी मां, हे साईं बाबा इनकी रक्षा करो। मेरे सिवा घर में कोई भी नहीं था बिल्कुल शांति पड़ी थी। अचानक बहुत तेज बैंड बाजे की आवाज आने लगी। मैं घर की बालकनी में आ गई और जो कुछ देखा उस पर विश्वास ही नहीं हुआ। मेरे घर के नीचे एक शोभायात्रा निकल रही थी। उसमें सिर्फ दो रथ थे - एक पर मां दुर्गा की बड़ी सी मूर्ति विराजमान थी और दूसरे पर साईं बाबा की मूर्ति विराजमान थी। यह क्या मात्र एक संयोग था? मेरे हाथ जुड़ गए और आंखों से आंसू बहने लगे। इस अनुभव से मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मेरे पति धीरे-धीरे ठीक होने लगे और 20 दिन बाद घर आ गए।
कई बार ऐसा हुआ की किसी को याद किया और सोचा कि आज फोन कर लूं और अचानक उसी का फोन आ गया की तुम्हारी याद आ रही थी इसलिए फोन कर लिया। यह अनुभव शायद सभी के साथ होता है। क्या विचारों की गति इतनी तेज है की पलक झपकते दूसरे तक संदेश पहुंच जाए?
मानसिक तरंगों का संदेश पहुंचता है यह बात तो विज्ञान ने भी मान ली है। विचारों की, शक्ति से दूसरे कमरे में रखी वस्तु इधर से उधर की जा सकती हैं या किसी चीज को मोड़ा जा सकता है, विज्ञान ने ऐसे कई प्रयोग किए हैं जो सफल रहे हैं। मानसिक शक्ति से बहुत कुछ संभव है बशर्ते की मानसिक शक्ति में एकाग्रता और ताकत होनी चाहिए। फिर जो होता है उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। “