..दो जून की रोटी
..दो जून की रोटी
कृति अपने पति ने निहार और सासू मां बबिता के साथ मॉल में गई हुई थी।मॉल से उसने बहुत सारा सामान खरीदा, सब्जियां खरीदी और पति-बच्चों के लिए कपड़े भी खरीदे।तीनों ने मॉल में ही खाना खाया।
तीनों सामान लेकर लौट रहे थे।तभी सासु मां बबिता ने सब्जी मंडी में अदरक देखी। बबीता अपने बेटे से बोली -"मॉल में तो अदरक मिली नहीं।थोड़ी सी अदरक ले लेते हैं।खाना खाने के बाद अदरक वाली चाय पीने का मन है।"
बबीता ने सब्जीवाले से ढाई सौ ग्राम अदरक ले ली।बबिता ने फिर पूछा-"प्याज कैसे दिए?"
सब्जी बोला-" 60 रुपये किलो।" बबीता अपनी बहू से बोली-"मॉल में तो 75 रुपये किलो मिल रहे थे।यहां से 2 किलो ले लेते हैं।"सासु मां ने 2 किलो प्याज ले लिए।
वह जैसे ही चलने को हुई बगल में बैठी सब्जी वाली बोली-"बीवीजी मटर भी ले जाइए। बाजार में तीस की बिक रही हैंं मैं आपको बीस में ही लगा दूंगी।" कृति बोली-" नहीं,मटर नहीं चाहिए।"
तभी कृति की बात काटते हुए बबिता बोली-"नहीं हम 5 किलो मटर मॉल से ले आए हैं।"
सब्जी वाली हाथ जोड़कर बोली-"बीवीजी 1 किलो ही ले जाओ।" बबिता ने कहा-"ठीक है 1 किलो मटर दे दो।"
जैसे ही सब्जी वाली 1 किलो मटर देने लगी तब सासु मां ने सब्जी वाली से पूछा-"तुमने इस बच्ची को मटर के पास क्यों सुलाया है सब्जी का कोई कीड़ा इसकी कान नाक में घुस जाएगा और कितनी मोटर गाड़ियां भी चल रही है उसकी धूल मिट्टी इसको नुकसान पहुंचाएगी।इसे घर में रहने दिया करो।"
सब्जीवाली मटर देते हुए बोली-"बीबीजी यह मेरी बेटी है और इसकी तबीयत खराब है।घर पर हम दोनों के सिवा कोई नहीं है,मैं इसको कहां लेटाती?2 घंटे बाद इसको अस्पताल लेकर जाना है इसीलिए आपसे कह रही थी कुछ मटर ले लीजिए।"
यह सुनकर बबिता का मन उदास हो गया।वह सब्जी वाली से बोली-"यह सब मटर कितने की है?"
सब्जी वाली बोली-" 400-500 की होगी।" सासु मां ने कहा जितनी भी मटर है सब दे दो और यह लो एक हजार रुपये और तुम मेरे साथ अपनी बेटी को लेकर अभी डॉक्टर के पास चलो मैं उसका इलाज कराती हूं।"बबिता की यह बात सुनकर बेटा-बहु दोनों हैरान-परेशान थे।
बेटा निहार बोला- "मां आपको हो क्या गया है? हम लोग मॉल से ऑलरेडी 5 किलो मटर लेकर आए हैं।10 -15 दिन के लिए इतनी मटर पर्याप्त है।बाकी यह मटर क्यों ले जा रही हैं। इसे कौन छीलेगा?दावत थोड़े देनी है मोहल्ले वालों को।"
बहू बोली-"मम्मी जी,वह भी ठीक है पर आप इस सब्जी वाली को अपने साथ क्यों ले चल रही हैं।आपने रुपये दे तो दिए,यह अपनी बेटी का इलाज खुद करा लेगी।"
बबीता बोली-"बेटा निहार हम लोगों ने मॉल से मटर दुगनी दाम मेंं खरीदी जबकि यह किसान व सब्जी वाले हमें कम दाम में ताजी सब्जियां देते हैं। पैसे की जरूरत सबसे ज्यादा इन्हीं लोगों को होती है, मॉल के मालिकों को नहीं। यह लोग दिखावे के लिए या अमीर बनने के लिए सब्जी नहीं बेचते ये दो वक्त की रोटी के लिए कमाते हैं। हम अपने देश के ही किसानों व सब्जी वालों की मदद नहीं करते हैं जबकि माल से खरीदा हुए सामान का पैसा विदेशों में चला जाता है।"
यह कहकर बबीता सब्जी वाली को अपने साथ लेकर डॉक्टर के पास चली गई और बहू बेटे को घर भेज दिया।