तकलीफ़
तकलीफ़
प्रिय डायरी,
"कमला, तुम कल काम पर क्यों नहीं आई।"-सविता ने अपनी कामवाली से कहा।
"भाभी इनकी तबियत बहुत खराब है। दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।"-कमला झाडू़ पकड़ते हुए बोली।
यह सुनकर सविता भड़क कर बोली-"एक बार ढंग से इलाज क्यों नहीं करवाती। रोज-रोज छुट्टी लेकर बैठ जाती हो। अरे एक फोन तो कर सकती थी। अब से तुम्हारे हर छुट्टी के पैसे कटेंगे। पता है तुम्हारा शाम तक इंतजार किया। जब नहीं आई तब हार कर बर्तन साफ किए। झाडू़-पोंछा किया। ये कोई बात है।"
कमला रोंआसी होकर बोली-"भाभी काश जादू की झड़ी होती तो मैं अपने पति को ठीक कर पाती और मुझे भी ऐसे न सुनना पड़ता।"