विश्व साइकिल दिवस -सेहत का खजाना
विश्व साइकिल दिवस -सेहत का खजाना


साइकिल का नाम सुनते ही सर्व प्रथम हमें अपना बचपन याद आ जाता है और मस्तिष्क में एक साइकिल का खाका तैयार हो जाता है। वाहन के रूप में बच्चों को साइकिल ही दी जाती है। विश्व का बड़ा तबका साइकिल की ही सवारी करता है। जिनमें चीन और नीदरलैंड प्रमुख देश हैं। हमारे मज़दूर भाइयों के लिए यह एक तरह से रोजी रोटी कमाने का साधन है।
आज से लगभग 200 वर्ष पहले सन् 1817 में जर्मनी के वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस ने साइकिल का आविष्कार किया था।
संयुक्त राष्ट्र संघ (यू.एन.ओ) प्रत्येक वर्ष 3जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में मनाता है।
आज विश्व जहां प्रदूषण की समस्या से परेशान हैं वहीं साइकिल से प्रदूषण से मुक्ति पाई जा सकती है। विश्व की कई देशों की सरकारें इस ओर विशेष ध्यान दे रही हैं। दूसरा साइकिल से कसरत भी हो जाती है। साइकिल चलाने से हमारे शरीर के अंगों का मूवमेंट होता है जिसकारण हम एक्टिव(क्रियाशील)रहते हैं।
साइकिल के लाभ
- साइकिल चलाने से हमारे शरीर के सभी अंग समुचित रूप से कार्य करते हैं।
2. निरंतर साइकलिंग करने से हमारे
शरीर का रक्त संचार सुचारू रूप से होता है।
3. प्रतिदिन साइकिल चलाने से हमारे पेट और जाँघों की चर्बी घटती है।इसकारण जिम में साइकलिंग करवायी जाती है।
4. साइकिल चलाने से हमारी काफी ऊर्जा का क्षय होता है जिसकारण हमें खुलकर भूख लगती है।
5. साइकिल चलाने ऊर्जा के उत्सर्जन के कारण हमें हमें जल्दी और गहरी नींद आती है।
6. साइकिल परिवहन का सबसे सस्ता व सुलभ साधन है। इसे प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति वहन कर सकता है।
7. साइकिल ही एकमात्र ऐसा वाहन है जो प्रकृति को प्रदूषण से मुक्त करता है। प्रदूषण विश्व की प्रमुख समस्या बन गया है। साइकिल के अधिकाधिक प्रयोग से प्रदूषण जैसी विकट समस्या से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
8. साइकिल चलाने रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से होता है जिससे हमें ऑक्सीजन मिलती है और इस कारण हमारे चेहरे में एक प्रकार का निखार आता है और हमारा चेहरा ग्लो करने लगता है।
देखा दोस्तों हमारी साइकिल कितने गुणों की खान है। स्वास्थ्य और सौंदर्य का खजाना है यह साइकिल। तो फिर तैयार हो जाइए आज 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने के लिए।