Radha Gupta Patwari

Tragedy

4.3  

Radha Gupta Patwari

Tragedy

सुशांत सिंह राजपूत-आखिर क्यों ?

सुशांत सिंह राजपूत-आखिर क्यों ?

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फिल्म, लाइमलाइट, चकाचौंध यह सभी लोगों का सपना होता है एक शानोशौकत व आराम भरा जीवन जीना पर इस चकाचौंध के तले एक गहरा अंधेरा है।वह अंधेरा इतना भयावह की जिसके तले सिर्फ निराशा और घुटन है।

उन्हीं चकाचौंध के अंधेरे तले एक एक्टर ने खुद को खो दिया।सुशांत सिंह राजपूत, एक उभरता फिल्म जगत का सितारा, जिसकी फिल्में एक-एक करके सफल हो रहीं थी, उसकी खुदकुशी पर सभी चाहें फिल्मजगत हो या आम दर्शक सभी स्तब्ध है।

यह पहली बार नहीं है जब किसी कलाकार ने आत्महत्या की हो।इससे पहले भी कई फिल्म सितारे खुदकुशी कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर चुके हैं।

सवाल यह है कि आखिर क्यों चकाचौंध, नाम , प्रसिद्धि, धन और एशोआराम की जिन्दगी जिनकी एक आम इंसान कल्पना भी कर सकता है, , क्यों ये आत्महत्या करते हैं।कई सवाल हैं पर जो जबाब मिलता है कि धन-दौलत, नाम-यश तो सभी चाहते हैं पर यह खुशियों की गारंटी नहीं है।

यह कलाकार भले है आम जनमानस के रोलमॉडल हो सकते हैं।ऊपरी तौर पर सभी को इनकी प्रसिद्धि, यश, नाम, धन-दौलत दिखती है पर अंदरूनी तौर पर यह भी आम इंसान जैसे ही होते हैं।हम सिर्फ़ उनका एक पक्ष देखते हैं।

हमें लगता है ये कलाकार तो परफेक्ट हैं या इन्हें क्या कमी पर सच तो ये है कामयाबी यूँ ही नहीं मिलती बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।इनको भी वही दर्द और दुख होता है जो एक आम इंसान को होता है।

हालांकि आप कितने ही परेशान क्यों न हों, आप अपने दुख को दर्द को अपने परिजन और दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।कभी अकेले मत रहिए।सोचिए यह दिन भी निकल जायेगा।कोई भी ऐसी परेशानी नहीं है जिसका हल न हो।

सुशांत सिंह के मन में क्या चल रहा था यह वही जान सकते हैं पर अगर वह अपना दुख-दर्द अपने माता-पिता से शेयर करते तो कोई न कोई रास्ता जरूर निकलता।बस दिवंगत अभिनेता की आत्मा की शांति के लिए दो शब्द-

बैठ लेते कुछ दिल की बात दोस्तों के साथ,

अपनी परेशानी माँ-बाप के साथ बांट लेते,

कमी तो रहती है सभी की जिन्दगी में कुछेक,

सुशांत थोड़ा और सब्र कर लेते सह लेते यार!

कहाँ तुम चले गये सुशांत...!


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