आखिरी पन्ना
आखिरी पन्ना


प्रिय डायरी,
आज मन बहुत उदास है। हो भी क्यों न चालीस दिन तक अपने भावों को शब्दों में पिरोकर एक माला बनाई थी। आज चालीस दिन पूरे हो रहे हैं। तुम्हारे पन्नों में अपने सब खुशी और ग़म को बांटा है।
जीवन के कई राज खोले हैं।तुमने भी बखूबी बहुत साथ निभाया। इस लॉकडाउन में काम बहुत था पर जो समय बचता उसमें अपने भाव लिखती। चालीस दिन सुरक्षित तरीक़े से कट गए और आने वाले दो हफ्ते भी लॉकडाउन मेंं कट जायेंगे।
सच तुम बहुत याद आओगी। तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन गई हो।
तुम हमेशा मेरे पास सुरक्षित रहोगी।
तुम्हारी सहेली
राधा