कैकयी
कैकयी


प्रिय डायरी,
मुझसे पूछा गया कि इतिहास के कौन से किरदार से मिलना चाहेंगी? है न जटिल।काफी सोच विचार के बाद मुझे दो नाम बहुत आकर्षित करते हैंं।एक कैकयी तो दूसरा उर्मिला।आज मैं कैकयी पर चर्चा करना चाहूंगी।
जैसा कि सर्वविदित है कैकयी राजा दशरथ की दूसरी रानी थी और राजा को अतिप्रिय थी।एक बार राजा की युद्ध में प्राण रक्षा करने पर राजा ने उन्हें दो वर माँगने को कहे तो कैकयी जानती थी ये वर बाद में काम आयेंगे और रानी ने यह वर उचित समय पर माँगे।वह वर थे,भरत को राजसिंहासन और राम को वनवास।
वह जानती थी अगर राम वन नहीं गये तो सम्पूर्ण मानव जाति खतरे में आ जायेगी और रावण का मरना जरूरी था।उसने यह वरदान हृदय में पत्थर रखकर माँगे थे वह जानती थी इतिहास उसे स्वार्थी माँ के नाम से जानेगा ।
वह सबसे ज्यादा राम को प्यार करती थी।पर उसने मानव जाति की भलाई के लिए यह कलंक अपने सिर सहर्ष लिया।