मैं एक लेखिका हूँ।लिखने का शौक है। अपने मनोभाव लिखती हूँ।
Share with friendsआज नेशनल डॉक्टर्स डे इन्ही कर्णधारों को समर्पित है
Submitted on 01 Jul, 2020 at 07:04 AM
सुशांत थोड़ा और सब्र कर लेते सह लेते यार! कहाँ तुम चले गये सुशांत...!
Submitted on 14 Jun, 2020 at 10:47 AM
अपने पति के पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी सेना में भर्ती होऊँगी
Submitted on 08 May, 2020 at 19:42 PM
भाभी इनकी तबियत बहुत खराब है। दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।
Submitted on 29 Apr, 2020 at 00:58 AM
वह जानती थी इतिहास उसे स्वार्थी माँ के नाम से जानेगा
Submitted on 25 Apr, 2020 at 18:20 PM
यह मंजिल तुम्हारी है सिर्फ़ तुम्हें ही तय करनी है।
Submitted on 24 Apr, 2020 at 18:30 PM
मनुष्य सदैव अपने को व्यस्त रखने के लिए मनोरंजन का सहारा लेता है
Submitted on 23 Apr, 2020 at 18:29 PM
वहीं नाकारात्मक व्यक्ति किसी भी कार्य को शुरू होने से पहले ही हार मान लेता है
Submitted on 21 Apr, 2020 at 18:30 PM
आशीष के इतने प्यार के लिए सुधा ने आशीष को इशारों में हाँ कर थी।
Submitted on 20 Apr, 2020 at 18:44 PM
डिस्काउंट पर ध्यान देते हैं जबकि यह सब उनकी मार्केट स्ट्रेटेजी है।
Submitted on 11 Apr, 2020 at 17:50 PM
एक युवा के लिए अलग परिभाषा होती है तो एक वृद्ध के लिए अलग
Submitted on 09 Apr, 2020 at 17:50 PM
प्रेम बड़ा है और यह भी सभी ने महसूस किया है कि धन-सम्पत्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है जीवन
Submitted on 08 Apr, 2020 at 10:36 AM
। विभिन्न क्षेत्रों में एक महिला को पुरुषों से कम मेहनताना मिलता है।
Submitted on 07 Apr, 2020 at 17:28 PM
दोस्तों, आज के समय में यह बहुत जरूरी हो गया है कि अनाथालय और वृद्धाश्रम को एक साथ जोड़ा
Submitted on 06 Apr, 2020 at 09:02 AM
आज दोनों माँओं के चेहरे पर खुशी की चमक थी। ईश्वर ने दोनों की प्रार्थना जो सुन ली थी।
Submitted on 03 Apr, 2020 at 18:32 PM
यह कहकर कौशल जैसे ही बाहर निकला देखा विजया खड़ी थी।विजया को देखकर वह हड़बड़ा गया।
Submitted on 02 Apr, 2020 at 18:24 PM
आपकी बहू आपकी बेटी की बराबर की है ना कि आपकी उम्र जोकि वह काम परफेक्ट कर सकें।
Submitted on 01 Apr, 2020 at 13:55 PM
रामायण में जो सीखने व अनुकरणीय बात लगी वह यह कि जीवन में अनुशासन होना चाहिये।दूसरा मर्य
Submitted on 31 Mar, 2020 at 12:48 PM
पर वक्त की बात देखिए आज वही पुरूष लोकडाउन में हैं और छटपटा रहे हैं।
Submitted on 30 Mar, 2020 at 17:29 PM
आधी रात को अचानक मकान-मालिक मनीष के कमरे से चीखने की आवाज़े आईं।
Submitted on 27 Mar, 2020 at 12:23 PM
उस की तुलना किसी के घर की बहू से न करें, क्योंकि आपकी बहू आपकी ही रहेगी।
Submitted on 23 Mar, 2020 at 15:12 PM
यही समय एकजुट रहने का है जिससे हम अपने देश से कोरोना भगा सकें।"
Submitted on 21 Mar, 2020 at 18:00 PM
नेहा बोली-"नहीं न तो मैंं जाऊँगी। न तो तुम सबको कहीं जाने दूंगी।
Submitted on 20 Mar, 2020 at 10:38 AM
स्वार्थ और भूख के लिए मिटाना ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देना है।
Submitted on 20 Mar, 2020 at 06:45 AM
"इसी तरह से सुनीता अपनी नंद से छोटे छोटे कामों में सहायता लेने लगी।
Submitted on 16 Mar, 2020 at 18:49 PM
वह दूधवाला तुम्हारे दादाजी के उम्र से कितना बड़ा है।क्या तुम अपने दादाजी का नाम का लेकर
Submitted on 13 Mar, 2020 at 18:48 PM
हम तो आपको पहले भी बोल चुके हैं हमें दहेज का एक पैसा नहीं चाहिए।हमारे पास पैसे की कमी न
Submitted on 12 Mar, 2020 at 16:57 PM
हिमांशु ने हाथ छुड़ाते हुए कहा- "क्या कमी है इस लड़की में? बस यही कि इसके साथ जबरदस्ती ह
Submitted on 11 Mar, 2020 at 13:55 PM
कार्तिक को अपनी गलती का एहसास हो रहा था।वह सोचने लगा उसने सच में कितने कीमती समय को गव
Submitted on 07 Mar, 2020 at 18:29 PM
अपने घर की बहू को घर के रीति रिवाज बताइए पर उस की तुलना किसी के घर की बहू से न करें
Submitted on 06 Mar, 2020 at 16:08 PM
एक औरत बिना पुरुष के भी अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा-दीक्षा दे सकती है।
Submitted on 05 Mar, 2020 at 17:26 PM
इन ऊँचाइयों के सामने उसको माँ-बाप, उसका कस्बा सब बौने नजर आने लगे
Submitted on 04 Mar, 2020 at 14:09 PM
सम्पूर्ण सृष्टि का आधार स्त्री है, पुरुष तो मात्र एक अहंकार है।
Submitted on 03 Mar, 2020 at 06:25 AM
अनुष्का अभी भी स्कूल यूनिफॉर्म में थी और रोते-रोते अटकते शब्दों से बोल रही थी,"मम्मा पा
Submitted on 02 Mar, 2020 at 12:11 PM
आप मेरी माँ भी बन गईं।"यह कहकर संदली ने जानकी जी को गले लगा लिया।
Submitted on 02 Mar, 2020 at 08:50 AM
अगर कोई दुखद घटना होती है तो क्यों औरत को जिम्मेदार माना जाता है ?
Submitted on 02 Mar, 2020 at 05:54 AM