पानी सिर्फ कोमल नहीं है अगर विकराल रूप ले ले तो चट्टानों को भी तोड़ देता है।
राधा गुप्ता पटवारी
नींद में सपने सभी देखते हैं
पर हुनरमंद वही हैं
जो जागकर सपने पूरे
करने में लग जायें।
रंग भी क्या गजब हैं,
होते तो रंग-बिरंगे हैं,
पर जब मिलते हैं तो
एक रंग बन जाते हैं।।
मनुष्य की प्रकृति ने प्रकृति ही बदल दी,
इसलिए ने प्रकृति ने भी मनुष्य की प्रकृति बदल दी।
-राधा गुप्ता पटवारी
हम इंसानों से जानवर अच्छे हैं कम से कम अपना स्वभाव तो नहीं बदलते हैं!!
-राधा गुप्ता पटवारी
मन में आराम है तो घर में भी सुकुन है,
नहीं है तो वन में भी बैचेनी है।
परिस्थितियाँ बदलते देर नहीं
लगती,
जिस धूप से आज सुकून है,
उसी धूप से कल जलन होगी।
-राधा गुप्ता पटवारी