डिअर डायरी
डिअर डायरी


चार अप्रैल चौथा महीना चार चार बार सभी दोस्तों को नमन, विशेष रूप से डॉक्टर्स, पुलिस, दूध, फल, सब्ज़ी और किराना दुकान पर काम करने वाले सभी दोस्तों को, सिर्फ उन्हें छोड़कर जो लॉकडाउन का फायदा उठा कर गरीबों का शोषण कर रहे हैं और हर सामान डेढ़ गुनी और दोगुनी कीमत पर बेच रहे हैं..!
कहां तो ऐसे समय में इन्हें गरीबो की मदद करनी चाहिए, पर ये लोग मदद करने की बजाय उन को लूटने का काम कर रहे हैं..! एक और बुरी खबर ने मन को बहुत विचलित कर दिया है। कुछ जमाती लोग जिन्हें कोरोना है, वो डॉक्टरों के साथ बहुत ही बुरा बर्ताव कर रहे हैं। जहां तहां थूक रहे हैं और गंदगी फैला रहे हैं..! जो डॉक्टर अपनी जान को हथेली पर रखकर इनका इलाज कर रहे हैं उनके साथ यह दुर्व्यवहार..?
क्या खुदा उनकी इस हरकत पर उन्हें माफी देगा..? अपने साथ साथ सैकड़ों लोगों को कोरोना का रोग देकर उन्हें मौत की तरफ धकेलने का अपराध करने वाले इन जमातियों को क्या जन्नत नसीब होगी..? उत्तर तो इन्हें भी मालुम है, परंतु कैसी इनकी सोच है और कैसी इनकी बुद्धि है, इस पर पूरा देश ही नहीं बल्कि, पूरा विश्व हैरान है..! एक नई और विचित्र खबर यह भी है कि सीबीएसई ने यह निर्णय लिया है कि आठवीं तक के सभी बच्चों को बिना परीक्षा दिए ही पास कर दिया जाएगा। यह उचित नहीं है। क्योंकि ऐसा तो नहीं है, कि विद्यालय खुलेंगे ही नहीं..!
विद्यालय जब भी
खुले, आप इन बच्चों का होम एग्जाम ले सकते हैं। लेकिन बिना किसी परीक्षा दिए सभी को पास कर देना, इससे बच्चों पर प्रतिकूल असर पड़ता है और उनके अंदर इस तरह की भावना आ सकती है, कि पढ़ाई लिखाई से क्या लाभ, जब बिना पढ़े और बिना परीक्षा दिए ही पास हो जाना है। यूपी में पहले से ही यह नियम लागू है, कि कक्षा 8 तक के बच्चों को किसी भी कक्षा में फेल नहीं किया जाता।
और इसका दुष्परिणाम हमारे सामने है, कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आठवीं तक के बहुत से बच्चे पढ़ाई में इतने कमजोर हैं, कि उन्हें साधारण जोड़ घटाना गुणा भाग भी नहीं आता,..! और टीचर्स भी पूरी तरह से निरंकुश है, क्योंकि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है, कि न पढ़ाने पर उनके क्लास के बच्चे फेल हो जाएंगे..! अगर सभी बच्चों को पास कर देने का यह नियम ना होता, तो उनका रिजल्ट खराब होने पर वो बच्चों के साथ और मेहनत करते..!
सरकार को इस तरह की गलत नीतियों से बचना चाहिए, जिससे बच्चों को परीक्षा का डर बना रहे और वो मेहनत से अपनी पढ़ाई करें।
एक कविता लिखी है मैंने। बच्चों की पढ़ाई को लेकर। बिना पढ़ाई पास हुए, पर ज्ञान में है जो जीरो कैसे बनेंगे आगे चलकर अपने देश के हीरो अपने देश के हीरो, हो जाएंगे वो बेकार कर देंगे वो देश का भी पूरा बंटाधार शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता गलत है भाई यूँ बच्चों को पास करो न करे बिना पढ़ाई।