काला साया अपना दोस्त
काला साया अपना दोस्त


जब हम धूप में होते हैं, तो हमेशा एक काला साया हमारे साथ होता है..!
कभी आगे, कभी पीछे, कभी दाएं, कभी बाएं, और कभी कभी हमारे नीचे भी होता है ये काला साया..!
जब रात में बल्ब की रोशनी में हम होते हैं, तब भी एक काला साया हमारे साथ रहता है। हम इस काले साए से अपने को कभी नहीं बचा सकते..! हां, अगर हम अंधेरों में आ जाएं, तो ये काला साया लुप्त हो जाएगा..! या यूं कहिए, कि ये काला साया हमारे इतनी करीब आ जाएगा कि अपने और पराए के बीच की दीवार ही गिर जाएगी..!
मतलब ये, कि इस काले साये को अगर हम अपना दोस्त बना लें, तो फिर ये काला साया हमें कभी परेशान नहीं करेगा..! और न कभी डरायेगा..!
काला साया दुख का प्रतीक होता है, जबकि रोशनी खुशी का प्रतीक होती है। काला साया हमें बताता है, कि तुम डरो नहीं, हम तुम्हारे साथ हैं, और हम तुम्हारा कभी नुकसान नहीं करेंगे..! वो हमारे पीछे हो या आगे, या दाएं बाएं हो, लेकिन वो हमारा कभी कुछ नहीं बिगाड़ते, और न हमें कभी कोई तकलीफ ही देते हैं..! बल्कि हमें शिक्षा देते हैं, कि जिंदगी में कालेपन से कभी घबराना नहीं चाहिए..!
इसलिए तुम निडर होकर आगे बढ़ते रहो। ये काले साये तुम्हारे आगे पीछे चक्कर ज़रूर लगाएंगे, लेकिन तुम्हारे लक्ष्य को तुमसे जुदा नहीं कर पाएंगे..!
कहने का अर्थ यह है कि अगर जिंदगी में अपने गम रूपी इस काले साए को हम अपना लेंगे, उसे अपना दोस्त बना लेंगे, उसकी वास्तविकता को समझ लेंगे, तो ये जिंदगी हमारी बहुत ही हसीन हो जाएगी। दुख सुख में बदल जाएगा। हैवान इंसान बन जाएगा। हमारी आदमीयत जिंदा हो जाएगी और शैतानी रूहें हमसे दूर हो जाएंगी..!
तो दोस्तों~
दुख रूपी इस काले साए को
अपना दोस्त बना लो यार
कर लो दिल से
इन काले सायों से भी
मोहब्बत और प्यार
जिंदगी में फिर गम
तुम्हें कभी सताएगा नहीं
कभी कोई दुश्मन
तुम्हें रुलाएगा नहीं..!