अंधी न्याय व्यवस्था
अंधी न्याय व्यवस्था


एक ढाई साल की मासूम बच्ची के संग रेप करने के बाद उसकी जान भी ले ली दरिंदों ने..! चारों आरोपित गिरफ्तार..! पक्का सबूत.. ! अगर सिर्फ दो दिन में सारे सबूत को अदालत में पेश कर एक सप्ताह के भीतर ही सरकार इन्हें मौत की सज़ा सुना कर इन्हें फांसी पर लटका दे, तो आगे से इतना आसान नहीं होगा किसी दरिन्दे का किसी अन्य मासूम के साथ रेप कर उसकी हत्या करने का..!
पर सारे सबूत होने के बावजूद कोर्ट कचहरी, वकील, दरखास्त, प्रत्यक्ष गवाह, आरोपी की शिनाख्त, दसियों तरह की जांचें, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, डॉक्टर की गवाही, पुलिस की गवाही और इसके अलावा और भी न जाने कितने नाटक होंगे इन हत्यारों को सज़ा सुनाने के लिए..!
और फिर भी
शायद वो फांसी से बच जाएं, और बाइज़्ज़त बरी भी हो जाएं, इस आधार पर, की कोई प्रत्यक्ष गवाह ऐसा नहीं मिला, जिसने वारदात को अपनी आंखों से देखा हो..!
अजब है इस देश का न्याय, जहां हत्यारों को दस मिनट नहीं लगता किसी मासूम की जान लेने में, वहां कानून को दसियों साल लग जाते हैं उन्हें सजा सुनाने में..!
एक हैरान करने वाली बात यह भी है, कि सरकार इस केस को सुलझाने में भी लाखों करोड़ों रुपया खर्च कर देगी विभिन्न प्रकार के टेस्ट करने में.. गवाहों की सत्यता को जांच करने में.. दस तरह की अदालती कार्रवाई में..और भी न जाने कहाँ कहाँ.. !
ये है इस गरीब देश की महंगी, गैर ज़िम्मेदार और अंधी न्याय व्यवस्था..!!