बहुत कोशिश की साहेब पर मुझे कहीं नौकरी नही मिली, हर ऑफीस हर जगह से मायूसी मिली बहुत कोशिश की साहेब पर मुझे कहीं नौकरी नही मिली, हर ऑफीस हर जगह से मायूसी मिली
देख ले जरा अपनी आँखों से अगर तू भी नहीं पढ़ेगा तो तुम भी कल इसके जगह होगे। देख ले जरा अपनी आँखों से अगर तू भी नहीं पढ़ेगा तो तुम भी कल इसके जगह होगे।
मेरे पापा की तबियत ठीक नहीं थी। और घर के हालात भी खराब थे मेरे पापा की तबियत ठीक नहीं थी। और घर के हालात भी खराब थे
उसे याद कर लेती हूं और दुआ कर लेती हूं उसकी सलामती के लिए। उसे याद कर लेती हूं और दुआ कर लेती हूं उसकी सलामती के लिए।
"मैडम, जिनके घर शीशे के होते हैं वो औरों के घर में पत्थर नहीं मारते! " "मैडम, जिनके घर शीशे के होते हैं वो औरों के घर में पत्थर नहीं मारते! "
अब तू कुछ दिन माँ के साथ रसोई में उसके काम मे उसकी मदद कर। अब तू कुछ दिन माँ के साथ रसोई में उसके काम मे उसकी मदद कर।