उसे याद कर लेती हूं और दुआ कर लेती हूं उसकी सलामती के लिए। उसे याद कर लेती हूं और दुआ कर लेती हूं उसकी सलामती के लिए।
जाते-जाते अपने पीछे दरवाज़ा बन्द करता गया। जाते-जाते अपने पीछे दरवाज़ा बन्द करता गया।
आज अर्थी तो निकली है लेकिन स्मिता जी कि नहीं एक घुटन भरे रिश्ते की। आज अर्थी तो निकली है लेकिन स्मिता जी कि नहीं एक घुटन भरे रिश्ते की।
सपनों से लबरेज आवाज बासन्ती खेतों पर लहरायेगी, धरती की छाती तो तभी जुड़ायेगी। सपनों से लबरेज आवाज बासन्ती खेतों पर लहरायेगी, धरती की छाती तो तभी जुड़ायेगी।
लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास