Chanchal Chauhan

Abstract Classics Inspirational

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Chanchal Chauhan

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भागवद् गीता का ज्ञान

भागवद् गीता का ज्ञान

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भागवद् गीता में बताया गया है, मनुष्य को कैसे जीवन व्यतीत करना चाहिए। मनुष्य के कल्याण के लिए भागवद् गीता लिखी गई। मनुष्य के क्या कर्म क्या धर्म होना चाहिए। 

भागवद् का ज्ञान जिसके जीवन पर उतर जाये उसका जीवन सफल हो जाये। जो मनुष्य भागवद् गीता का ज्ञान अपने जीवन में धारण कर ले उसका जीवन सफल हो जायेगा। अज्ञान का अंधेरा छटकर ज्ञान का दीपक जल जायेगा। जीवन मरण के बंधन से छूट हर रिश्ते नाते से मुक्त हो जायेगा।शरीर के बंधन से मुक्त हो जायेगा । आत्मा अजर हैं अमर हैं ये कथन सत्य हैं आत्मा एक ऐसी ज्योति हैं जो कभी नहीं बुझती, बस शरीर नया धारण करती रहती हैं । भागवद् ज्ञान पाकर दुख से मुक्त हो जायेगा।

भागवद् भक्ति का मार्ग भी दिखाती हैं। भागवद् भगवान कृष्ण जी से अनमोल प्रवचन हैं जो ज्ञान के साथ भक्ति की धारा बहती है। कुरुक्षेत्र में श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो भागवद् ज्ञान दिया उसकी आंखे खुल गई , मोह माया का पर्दा हट गया। ईश्वर ही एक सत्य हैं बाकी सब मिथ्या लोग तो आते हैं चले जाते हैं कुछ भी स्थायी नहीं हैं। सब लोग झूठ में जी रहे हैं जीवन का कुछ पता नहीं तब भी इंसान मोह माया घूम रहा है । सब नश्वर हैं केवल ईश्वर ही सत्य हैं।

कृष्ण की भक्ति करके अपनी आत्मा को मणि बनाये जो हमेशा चमकती रहे चाये कितने भी आंधी तूफान आये उसपर कोई असर ना हो वैसे ही भक्ति धारा में बहती रहे। मन में भक्ति की जोत जलती रहें। 

भागवद् का अर्थ भ से भक्ति ग से ज्ञान वैराग्य द से दर्शन भक्ति करो ज्ञान मिलेगा, भक्ति में इतना खो जाये सब कुछ भूल जाये कोई सुध रहे अपनी ना खाने पीने की ना दुनिया दारी की ईश्वर को याद रखे उनकी भक्ति में लीन हो जाये तभी ही ईश्वर के दर्शन होते हैं । भागवद् में ही भागवद् का पूरण सार समाया हैं।


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