लड़ियों के लिए गरीबी एक अभिशाप
लड़ियों के लिए गरीबी एक अभिशाप
गरीबी एक अभिशाप है, जो लड़की के जीवन पर ज्यादा असर करती है.उन्हें अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती, बस वे घर में के काम काज में ही सीमित रह जाती है.उनकी इच्छा होती है, कुछ करने की कुछ बनने की पैसों के बिना कहा हो पाता है.उनके सपने अधूरे रह जाते हैं.अपनी इच्छा का गला घोट देती है.
जब आती है शादी की बात तो उसमें भी उनको, उनकी गरीबी मार जाती है.लड़को वालों को भी दहेज चाहिए, तभी शादी करते हैं.उसमें भी लड़की को समझौता करना होता है.
कुछ लड़के वाले तो ऐसे करते हैं, पहले कहते हैं दहेज नहीं चाहिए,बस लड़की की डिमांड हैं लड़की सही होनी चाहिए, जब रिश्ता पक्का हो जाता है, तब मांग हो जाती है अगर लड़की के घर वाले दे पाते हैं तो ठीक वरना तो रिश्ता रिश्ता तोड़ देते हैं क्यों लड़की का मजाक बनाया जाता है, उसकी इज्जत के साथ खेला जाता हैं, में समाज उसमें हजार कमी निकालता हैं चाहे वो कितनी भी सही हो.
आजकल ये चलन चल रहा है, रिश्ते जोड़के तोड़ रहे हैं, आज के कुछ इंसानो में इंसानियत नहीं रही.उनमें कोई भावना नही रही जो दूसरों की भावना को नहीं समझते, पैसों के लिए उनकी भावनाओं से खिड़वाड़ करते हैं.
लड़की के गुण से कोई मतलब नहीं बस पैसों से खेलते हैं.लड़की के जज्बातों को नहीं समझते उसपर क्या बितेगी, वो समाज का सामना कैसे करेगी.
उसके आत्म सामान पर कितना बड़ा आघात होता है.सिर्फ पैसों के लिए इतना नीचे गिर जाते हैं लोग, फिर भी पता हैं दौलत किसी की सगी नहीं होती कब साथ छोड़ जाये पता नहीं चलता ना काया कोई भरोसा फिर लोग पैसों के पीछे भागते है.
शादी एक पवित्र रिश्ता होता है,जो दो लोगों के दिल का बंधन होता है, उनकी आत्मा का मिलन जीवन भर साथ चलना का वादा, हर सुख दुःख में साथ रहना,लड़का लड़की गाड़ी के दो पहिये होते हैं जिन्हें जीवन भर साथ चलना होता है, लोगों ने दहेज का सिस्टम कहां से निकाल दिया, वो तो लड़की वालों की अपनी इच्छा है.जिनके पास पैसा हैं वे दे दहेज पर गरीब कहाँ से देयेगा.गरीब लड़ियों की जिंदगी क्यों खराब कर दी.उनके घर वालों को कर्ज में डुबा दिया .
उनको समझौता करना होता है उनके योग्य वर नहीं मिल पाता.पैसै तो आते जाते रहते हैं अपनी में मेंहनत से कमाओ.
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किसी को कुछ हो जाये बीमारी लग जाये हजारों लाखो रुपये लग जाते हैं किसी के लिए मालदार नहीं होते, बड़े दिल से होते हैं पैसों से नहीं किसी को अपनाओ दिल से पैसों से नहीं कागज के रिश्ते ज्यादे लम्बें नहीं चलते,
फट जाते हैं गल जाते हैं जब तक सही हैं तब तक चलेगे जब उनकी कीमत नहीं टूटकर बिखर जायेगे.
शादी को शादी रहने दो इसे लोगों का तमाशा सोफिश ना बनाओ, अगर लड़की वाले चाहे शो दिखाना वो दिखाये, वट किसी गरीब परिवार को मजबूर ना करे, किसी गरीब लड़की की इज्जत से ना खेले.उसकी भावनाओं को ठेस ना पहुचायें लोग कहते आजकल का जमाना ऐसा हो गया हैं हर कोई मोरडन नहीं हुआ, जो कोई फरक नहीं पहुंचता.
सब तरह के लोग हैं यहाँ.
नारी का सम्मान करो,
ना उसका अपमान करो,
बंद करो दहेज प्रथा,
गरीब लड़की को सताना बंद करो,
रिश्ता को ना बांधों पैसो में,
भावनाओं की कदर करो,
लडकियों का जीवन ना अभिशाप करो.
