Chanchal Chauhan

Inspirational

4.5  

Chanchal Chauhan

Inspirational

मासूम बच्चें की किस्मत

मासूम बच्चें की किस्मत

5 mins
317


एक था छोटा बच्चा, मां गुजर गई, बाप ले आया विवाह आकर सौतली माँ, सात वर्ष का मासूम बच्चा पुकारने लगा माँ.

सौतेली माँ कहा सुनती उसकी बातें, वो कहता माँ दे दो रोटी पकड़ा देती थी हाथ में बरतन पहले करो साफ इन्हें फिर मिलेगी रोटी तुम्हें.

वो क्या जाने अपना पराया, उसने समझा काम हमारा, खुशी खुशी करता था, बना लिया काम को खिलौना.ना थे घोड़े, हाथी, गाड़ी, वॉल खिलौना ,दूर से ही देखकर मन भर लेता था अपना.

जाते थे बच्चे ं स्कूल करता था मन उसका भी, बेवस था ना जा पाया एक दिन भी सौतली माँ का ऐसा था जाल बिछाया.

हो गया जब आठ साल का गये एक मेले,मेले में थी भीड़ बड़ी खो गया अकेले.रोता बिलखता लगा दिये मेले चक्कर अकेले.कोई ना मिला उसको जाना पहचाना.


धक्का मार रहे थे लोग, नीचे गिर गया बेचारा.हालत बुरी हुई उसकी एक भले मानुष ने भुजा पकड़ी उसकी.ऊपर को उसको उठाया हालचाल उसका पूछा.घबरा गया था बच्चा, उसको कुछ ना सूजा.


चुपचाप रहा खड़ा मुंह से कुछ ना निकला, भूल गया सब बातें पत्थर लगा था कोई उसके माथे पर जब वह नीचे था गिरा खुली नहीं चोट गुम का उसका असर हुआ.


वो भला मानुष जिसनें था बच्चे ं को उठाया, जहाँ हो रहा था खोये बच्चे ं का अलाउंस वो चला गला वहां, साथ में था बच्चा उमर कपड़े रंग, पहनावे का कराया अलाउंस वहां.


हो गये दो घंटे पर कोई नहीं आया वहां, बडा़ परेशान हुआ वह व्यक्ति अब मैं क्या करू यहाँ, कैसे छोड़ दू इसे अकेले, मासूम बच्चा हैं प्यारा.था वह व्यक्ति सेठ ना थी कोई संतान उसकी, मन किया विचार ले जाऊ इसको अपने घर और देखूँ इसके माँ बाप को यहाँ.

बीत गये वे घंटे भी कोई ना आया वहां, ले गया सेठ अपने घर. घड़ी थी चौखट पर उसकी पत्नी देख रही बच्चों को मेरे घर आंगन में भी होता कोई यहाँ.


तभी सेठ आया निकलकर गली उसके साथ प्यारा सा बच्चा था.देखकर खुश हुई वह सोच में पड़ गई कौन बच्चा हैं यह, दरवाजे पर आ पहूँचा सेठ, चेहरे पर थी खुशी, पत्नी ने पूछा, "कौन हैं ये बच्चा? 


सेठ ने कहा, "मेला में था खोया ना कोई लेने आया मैं इसको घर ले आया."पत्नी बोली सही किया आपने जो इसको ले आये मेरा घर आगन सुना था, आप एक फल ले आये, मेरे घर में छा गई हरियाली, ये बनेगा मेरा लाल मैं बनूगी इसकी मां प्यारी.

ढ़ूढ़नन क्यों ना आये इसके माँ बाप कितना मासूम प्यारा हैं बच्चा, इसकी याद ना आई. सेठ कहता है, " पता नहीं कैसे हैं दुनिया लोग, अपनों को ही छोड़ देते बच्चों की कीमत समझे जिनके बच्चें नहीं होते हैं."


ले गये बच्चों को घर के अंदर मां लाड उसको लड़ड़ाये, चूमे उसके गालो को, सर पर हाथ फिराये, लेकर आई कटोरे में दूध अपने हाथों से पिलाये, लाई मिठाईयाँ उसको खिलाये, पकाया अपने हाथों से भोजन गोद में बिठाकर खिलाये, ना मिला था मां का प्यार उसको आज सब कमी पूरी हो जाये.

तरसा था माँ के प्यार को अब माँ का भी खुशियाँ से भर जाये.

करा दिया उसका एडमिशन स्कूल वो जाने लगा सेठानी थी पढ़ी लिखी उसने उसको पढ़ाना शुरू किया.कर लिया उसने इंटर मां ने बांटी पूरे गाँव में माठाईया.करली आगे की पढ़ाई जंज वो बन गया.

एक दिन आया केश उस गाँव का जहाँ का था पैदा वो हुआ.तारीख लगी बैठा था कोट में सामने आई सौतली मां कुछ धुधली यादें ताजा हुई, पीछे से आया उसका पिता, उसके यादाश्त पर चोट लगी अतीत के पन्ने पटल रहे थे कुछ साफ नजर ना आया कुछ.


तारीख दे दी आगे की होने लगी तबीयत खराब.रात को जाकर सो गया सपने में सब बातें आ गई याद, बताया अपने मां से सेठ को भी पता चली बात.गये उस गाँव में तीनों मां बेटे और बाप.घर पुराने पहुँच गये अंदर से आई उस लडके सौतली मां, और बाप.


देखकर उनको हाथ जोड़े मां उसकी जंज सहाब यहाँ कैसे आप, आई सेठानी आगे बताई सब बात, क्यों छोड़ दिया था मासूम सच्चें नहीं आई थी याद.उसके बाप के आंखों से बहते आंशु कहाँ था मैंने इससे ढ़ूढ़ लाता हूँ उसको, रोक दिया इसने दे दी कसम अपनी मुझको.

सौतली मां बेटे से माफी मांगने लगी.तुम हो जंज मेरे बेटे को बचा लो फंसा हैं झूठे केश में उसको रिहाई दे दो.

चोरी का लगा हैं इल्जाम मार पीट का सर पर दाग कोई बोले हम से बदनामी हुई हैं अपार.

लड़का बोला सारी बात मुझे बतलाओ, तभी तो करु समाधान.

सब बातें बताई सौतली माँ ने बह रही आंखों से आंशु की धार, चोरी करके उसके एक दोस्त ने हमारे घर पर रख दिया खजाना अपार पुलिस तलाशी करती फिर रही थी घरों में बेटे के बिस्तर के नीचे निकला खजाने का बैंग पकड़कर ले गई पुलिस ठण्डे मारे हजार.


बचा ले बेटा उसे हाथ जोड़कर माफी मांगती हूँ बचपन में किया तुमपे अत्याचार, कराती थी काम तुमसे बिना गलती लगाया इल्जाम.घर से कर दिया अलग मैंने ही छुड़ाया था तेरा तेरे पापा से हाथ, कितना पत्थर था मेरा दिल तुझपर किये जुल्म हजार माफ कर दे बेटा मैं औरत खराब.


लड़के ने कहा कोई नहीं आपकी वजह से मिले मुझे बहुत चाहने वाले माँ बाप मेरे किस्मत था बहुत प्यारी माँ का साथ.मुझे पढ़ाया लिखाया मुझे लाड लड़ाये, ना रही खाने पीने की कमी, रखा मेरा बहुत ध्यान.


मैं किस्मत वाला हूँ मुझे मिले ऐसे माँ बाप, मेरी माँ हीरा हैं सोना मेरा बाप तो मुझे नहीं शिकायत आप से माफ किया आपके बेटे को भी करदेगे आजाद.

पलटे कानून के पन्नें, असली अपराधी को पकड़कर फैसला सुनाया सतौले भाई को रिहाई करवाया.


सेठानी ने कर दी बेटे की शादी, बहु आई सुन्दर प्यारी, बोली उसकी मीठी मीठी सबका दिल हैं वो जीती रौनक छा गई उसके आने से ध्यान रखे पति ससुर का सेवा करे सास की भारी, घर में खुशियाँ खुशियाँ हैं छाई.

एक बरस बाद घर में गूंजी नन्हें मुन्ने की किलकारी सबने मिलकर धूम मचाई.


ना सताना बिना बाप के बच्चों को यह पाप हैं भारी दो सहारा संवारो किस्मत उन मासूम बच्चों की उन्हें एक खुशी भी मिलनी होती है भारी.अपना बच्चा हो या दूसरे का दर्द उतना ही होता है सबको सीने से लगाओ.उनको खुशी देओ.

ना करना सतौला व्यवहार उनको अपने बच्चों की तरह आंखों में बिठाओ.


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational