असली नकली दुनिया
असली नकली दुनिया
अरे भाई ये फोटो में तों तुम ही दिख रहें हों और ये खून से लथपथ कौन है!!
"रजनी,रमेश से एक एक फेसबुक पोस्ट दिखाते हुए कह रहीं थी"
अरे ये तो पिछले साल की हैं तुम शायद उस वक्त हॉस्टल में थी। मैं तुम्हारे पास ही जा रहा उस दिन कुछ सामान पहुंचाने और मैं जा भी ना पाया था। तुमको तो बताये भी तों एक्सिडेंट हों गया है मैं नहीं जा सकता आज.…
उसी दिन की बात हैं एक लड़का ट्यूशन से लौट रहा था और मेरा बाइक भी थोड़े स्पीड था। वो लडका भी पूरे शरीर को मचोडते हुए साइकिल चला रहा कि अचानक से उनके साइकिल की चैन खुल गई। और वो अपने नजरें झुकाकर पायडल के तरफ देख रहा था और सड़क इतनी प्लेन थी कि उनके साइकिल का भी रफ्तार नहीं कम हुआ था.... नजरें उसने जैसे ही नीचे किया कि उनके साइकिल का हैंडल बीच सड़क की तरफ मुढ़ गया...
मैं तों बिल्कुल नजदीक पहुंच गया था चाहकर भी अपने बाइक की रफ्तार कम नहीं कर पाया... और जाकर उनके साइकिल में टकरा गया..
" रमेश ने रजनी को पूरी की घटना एक ही सांसों में बता दिया।"
लेकिन भाई ये फोटो अभी तक वायरल हों ही रहा है क्या? और तों और देखो आज ही किसी ने शेयर किया और देखो लिखा भी है, बाइक वाले लापरवाही के कारण एक बच्चे की जान चली गई.. रियेक्ट तों देखो कोई सेड रियेक्ट तों कोई एन्ग्री और बहुतों ने तों गाली ग्लोज बाइक वाले को करते हुए कमेंट भी किया हैं।
"रजनी ने उन फोटो की जिक्र करते हुए फिर से रमेश को बताया।"
जान किसी की नहीं गई हैं वो लड़का भी ठीक हों गया हैं, यहीं सदर अस्पताल में ही तों ठीक हुआ, और ये शेयर करने की बात पूछों ही मत!! जबतक हम दोनों अस्पताल पहुंचे थें ना जाने उनसे पहले हीं मरने की खबर के कहां- कहां तक पहुंच गई थी।
ना हम खड़ा हो पा रहे थे ना वो लड़का अगर हम कहीं फोन भी करते तों मेरा फोन भी नीचे गिरकर टूट गया था।
एम्बुलेंस को काॅल करने के लिए किसी के पास फोन ही नहीं थे सबके पास फोटो खींचने के लिए सिर्फ फोन था और सोशल मीडिया में उन फोटो के साथ रोने के लिए... असली मैं मैंने किसी को नहीं रोते हुए देखा था हां कुछ लोग मेरे ऊपर गुस्सा रहें थे ये बाइक वाले की गलती हैं इसे कहीं जाने मत देना जबतक पुलिस नहीं आ जाती, वैसे भी मैं कहीं नहीं जा रहा था....बस चिल्लाएं जा रहा था कोई तों हेल्प करों ... कोई तों एंबुलेंस को काॅल करों.... मैं लगभग पांच मिनट तक चिल्लाता रहा जितने तेजी से उस लड़के का खून बहे जा रहा है उतने ही तेजी से फोटो अपलोड हों रहें थे और सेड रियेक्ट, एंग्री रियेक्ट सब तेजी से बढ़ते जा रहे थे लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं बढ़ रहें थे..
लगभग दस मिनट हम चीख़ते रहें और वहां लोग तमाशा देखते रहें..
तभी एक लड़के ने बाइक रोकी और बोला एम्बुलेंस पहुंचते-पहुंचते इनकी जान जा सकती हैं और तुम भी कुछ अधिक घायल हो..बैठो ..बैठो जल्दी से कोशिश करों इन्हें बाइक में बैठाने कि!! मैंने भी इस तमाशे बाजों के चलते ही किसी को खोया है और मैं अब किसी को खोना नहीं चाहता, चाहे वो अपने हों या पराये।
उस बीच उन लड़के की बात सुनकर एक दो व्यक्ति को शर्म आया और वो हमें उन छोटे बच्चे को उठाकर बैठाने में मदद किया... और उनका इलाज और लड़का ठीक हों गया और हम भी लेकिन आज तक अफवाह और तमाशे बनाने वाले विडियो चल ही सोशल मीडिया में...
असली जिंदगी कोई किसी के दुःख देखकर कम ही मदद करने वाले होते हैं और साथ रोने वाले ये तों सोशल मीडिया की दुनिया हैं आंसू दिखता है लेकिन बहता नहीं !
"रमेश, रजनी को कैसे उन्हें ठीक करवाया और खुद कैसे बच के आया थोडा चिड़चिड़ा कर उनलोगो पर गुस्सा निकालते हुए कह दिया।