जिंदगी और शिक्षा
जिंदगी और शिक्षा
रामू- कल जो तेरे बग़ीचे का एक लड़का फोटो ले रहा था , याद हैं कुछ..
धामू- हां तो क्या हुआ ?
रामू - क्या हुआ नही बहुत कुछ हो गया..
मैंने अभी-अभी फेसबुक में देखा कि वो फोटो के ऊपर में लिखा था #photographychallenge अंग्रेजी में जो कि हमने ऊ जो ललितवा के बेटा हैं ना उसी से पढवाये और हिंदी में लिखा था .. ये हमने लिया है ।
अब ना जाने कहां कहां ये फोटो पहुंच गया होगा , सुने हैं फेसबुक में सरकार भी हैं और वहां से ये फोटो दिखाकर लिखवा लिया ना तो अब ई बगीचवा उसी का हो जाएगा.. तुमको मना करना चाहिए था ..
धामू- तो अब क्या होगा , चलों ना मगनू दादा के पास चलतें हैं वो तो पढल लिखल हैं उपाय त बताईये देगा..
रामू- हां चलो चलों
मगनू दादा - हां बचा तों लेंगे तेरा बगीचा लेकिन इस साल का आधा अमवा तोड़ कर देना होगा हम को!!
रामू इशारें से - का रे धामू गछ(तैयार हो जाए) ले अमवा...
धामू- हां मगनू दादा जरुर दे देंगे आप कहें तो पूरा भी दे देंगे.... मेरा बगीचा बचना चाहिए।
मगनू दादा को पता था ये सब तों उसने इधर उधर फोन झूठ-मूठ का घूरा दिया और रामू और धामू को ज़रा नबाबी से बोला- तुम्हारा बगीचा बचा लिए ,मेरा घर आम पहुंच जाना चाहिए।
और वो दोनों ने दूसरे दिन ही पहुंचा दिया और मगनू दादा का बहुत बहुत आभार जताया।
इसलिए अच्छी नौकरी के लिए ही सिर्फ शिक्षा जरूरी नहीं है ....... शिक्षा मनुष्य को मनुष्य बनाकर जीने में मदद करता है।
