आइस कैंडी
आइस कैंडी
रोज़ की तरह आज मैं ऑफिस से घर वापस आ रही थी तो रेखा मैडम मिली। कैंपस में रहने के कारण ऑफिस से आते जाते कोई न कोई कलीग मिल जाता है। क्योंकी हम दोनों बहुत दिनों के बाद मिल रहे थे तो गर्मजोशी से हम बातें करने लगे।हमारा ऑफिस क्योंकि नॅशनल लेवल का इंस्टीट्यूट है और डिपार्टमेंट्स के साथ साथ काम भी ज़्यादा है तो नैचुरली हमारा मिलना इतना फ्रीक्वेंटली नहीं होता हैं। लेकिन जब भी हम मिलते है तो फिर हमारी खुलकर बातें होती हैं।
आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। 'कैसे हो' से से शुरू होकर हमारी बातें ऑफिस के बढ़ते काम,पंक्च्युअलिटी की चिक चिक से लेकर ऑफिस गॉसिप तक पहुँची।बातों के दौरान क्वार्टर्स के पास वाले लोकल मार्केट के आने का पता भी नहीं चला। "अरे,यहाँ, आइसक्रीम की नयी शॉप खुल गयी है।चलो, चलते हैं, आइसक्रीम खाते हैं।" रेखा जी ने दुकान देखते ही कहा।मैंने कहा, "हम दोनों ही ऑफिस से लेट निकले हैं, घर के लिए ज़्यादा लेट नहीं होगा?" रेखा जी हँसते हुए कहने लगी, "कोई बात नहीं, एकाध बार चलता हैं।क्या हम कभी अपने लिए थोड़ा टाइम नहीं निकाल सकते?"
लॉजिकली उनकी बात करेक्ट तो थी। कौनसा फ्लेवर चाहिए कहते हुए उन्होंने अपने लिए पिस्ता का कोई नया फ्लेवर ऑर्डर किया।मैंने मेरे लिए मैंगो वेनिला वाला फ्लेवर देने को कहा।
कितने पैसे देना हैं कहते हुए मैं अपने पर्स से पैसे निकालने लगी। जब तक मैं पर्स से पैसे निकालती तब तक रेखा जी ने गूगल पे से पेमेंट भी कर दिया।
थोड़ा साइड होकर हम दोनों आइस कैंडी खाने लगी।मैंने कहा, "इस सीजन का मेरा यह पहला आइसक्रीम हैं।" "अच्छा? हमारे यहाँ तो शुरू हो चुका है। बच्चें कहाँ मानते है?"
आज हम दोनों दिन भर में अपने अपने काम में बिजी थी। जनरली रोज़ शाम को बिजी शेड्यूल के बाद थके कदमों के साथ हम घर वापिस जाते है।लेकिन आज तो सब कुछ बदला बदला सा था।
एकदम लाइट मूड में हम दोनों की आईस कैंडी ख़त्म हो गयी।रेखा जी कहने लगी, "आप ये फ़्लेवर ज़रूर ट्राय करना।"मैंने भी हँसकर कहा, "क्यों नहीं? ज़रूर…"
इट वाज जस्ट चेंज इन अवर मोनोटोनस लाइफ…जिसकी ज़रूरत शायद हम दोनों को थी…
उस लाइट मूड में हम दोनों ने एक दूसरें से विदा ली…ठंडा ठंडा…कूल कूल…के एहसास के साथ…
