ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
है ख़ुशगवार सी बेज़ार सही
हल्की काली पोशीदा सी
समझो बूझो जानो
तो किसी मुतरिब के गीतों का सार सही
थोड़ा बहुत हिसाब थोड़ी पेचीदा सी
हल मिला हर बार
उलझनें एक दो बार सही
यादें बहुत साथ के बातें बेकार सी
यारी भी साथ उनके नाम दोस्तों के कई
इस फ़ेहरिस्त में एक दो प्यार सही
देखती खेलती खुशी हर तरफ
हो जाये ये बेमतलब सी
सो दो चार ग़म की फुहार सही
है तू मेरी जैसी ही हल्की अलग सी
ऐ ज़िन्दगी साथ तेरे
कभी जीत कभी हार सही।।