युद्ध की बिसात
युद्ध की बिसात
हर विनाशकारी युद्ध के बाद होती है शांति संधियाँ ,
विजित शक्तियों द्वारा पराजित शक्तियों पर थोपी जाती हैं भांति- भांति के प्रतिबंध,
मुआवजा और गैर- वहनीय अपमानजनक शर्तें
और इन प्रतिबंध, मुआवजे और अपमानजनक शांति शर्तों में ही बिछ चुकी होती है
अगले भीषण युद्ध की बिसात ,
परस्पर महत्वाकांक्षा के चलते रहता है राष्ट्रों के बीच शह और मात
और कुछ इसी तरह धरती पर बढ़ती ही जाती हैं हिंसा , अशांति और उन्माद ...।