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Kalyani Nanda

Abstract

4  

Kalyani Nanda

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ये रास्ता नहीं आसान

ये रास्ता नहीं आसान

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सुनसान काले लम्बा रास्ता

ना जाने इसका आरंभ कहाँ अंत कहाँ

बाहें पसार कर यह सबको बुलाता

पथिक तू चलते जाना

ये रास्ता नहीं है आसान

मंजिल है दूर बहुत दूर दूर है सफर तेरा

फिर भी मंजिल तुझे है हासिल करना

ऐ राही तू थक मत जाना हार तू ना जाना।


परछाई साथ साथ तेरी चलेगी

ना जाने कितनी दूर साथ तेरी देगी

ना जाने ये राहें कब और कहाँ खत्म होगी

तेरा साथ किसी ने ना देना

हर मुश्किल तुझको है अकेले झेलना

ऐ राही तू थक मत जाना आगे तुझ को है बढ़ना।


लक्ष्य तक तुझे है पहुँचना

हर गाम पे पैरों के निशान छोड़ते जाना

मोड आएँगे अनेक पर एक है तुझे चुनना

मन में विश्वास है रखना

विश्वास ही राह तुझे दिखाएगा

मुश्किलों से लड कर मंजिल तक है तुझ को पहुँचना

ना तू घबराना ना है तुझ को डरना

ऐ राही तू थक मत जाना अंत तक तुझे है जाना।


जन्म से मृत्यु तक है अनंत यह रास्ता

चाहे राह जैसी हो पार तुझ को है करना

पर्वत की तरह तुझ को अपने निश्चय पर अटल है रहना

नदी की तरह अविरत तुझको है आगे बढते जाना

ऐ राही ना है तुझे कहीं रूकना तू थक मत जाना।


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