ये देश है पावन
ये देश है पावन
ये देश है वीर जवानों का की तर्ज पर
ये देश है पावन यमुना-गंगा का
शोभित रौप्य मुकुट हिमालय का
सागर हरपल चरण पखारे
लाखों के हो जाते वारे-न्यारे
इस देश का साथी क्या कहना ?
बस यहीं हमारा जीना-मरना
बेटी यहां दुर्गा, लक्ष्मी ,तारा
यहां धरती उगले सोना,हीरा
आन पड़े तोऽऽऽऽऽऽ
आन पड़े तो झांसी की रानी बनती
पतिसंग सीता वन में विपदा सहती
पन्ना धाय सी हिम्मत वाली
रौद्ररूप धर चण्डी काली
ये देश है पावन यमुना-गंगा का
शोभित रौप्य मुकुट हिमालय का
पड़ते झूले कदम्ब की डारन
झूल रहे घर-घर राधा-मोहन
यहां फागुन अजब रसीला है
सूरज भी कितना चटकीला है
पद्मावती जौहर कर जाती है
झलकारी बिजली बन जाती है
होली और दिवाली पावन
दशमी को मरता पापी रावन
ये देश है पावन यमुना-गंगा का
शोभित रौप्य मुकुट हिमालय का
तीर नदी मेले कुम्भ के लगते
जन्म देवता लेने को तरसते
पतिव्रता सावित्री की कहानी
अर्जुन से धनुर्धर,प्रताप सेनानी
यहां कश्मीर शिकारे में है फबता
औरंगजेब बजरंगी से है कंपता
ये धरती कृषकों और दिवानों की
मेहनतकश,आजादी परवानों की।
ये देश है पावन यमुना-गंगा का
शोभित रौप्य मुकुट हिमालय का
लमटेरा,आल्हा बुन्देली गाता
महारास वृन्दावन हो जाता
भांगड़ा पंजाब की पुरानी शान
गिद्धा हरियाणा की है पहिचान
घूमर घूम राजस्थानी की जान
गरबा-रास गुजराती का मान
भोग-बिहू असमिया त्योहार
ये देश है पावन यमुना-गंगा का
शोभित रौप्य मुकुट हिमालय का।