STORYMIRROR

डॉ. Pankajwasinee

Classics

4  

डॉ. Pankajwasinee

Classics

शीर्षक

शीर्षक

1 min
290



करूंँ भवानी तेरा आह्वान!

लिए श्रद्धा की थाल!! 


हर लो सारे तमस सभी मन के... 

हो जाएंँ सब निहाल!! 


सिंह वाहिनी अष्ट भुजाधारी! 

तेजोदीप्त है भाल!! 


माँ! तू तो है शुभ परम पावनी ! 

सभी अशुभता निकाल!! 


हर बाला बन जाए शक्ति दुर्गा! 

आए न मृत्यु अकाल!! 


मांँ गिद्धों की घृणित विकृतियांँ हर... 

दुष्कर्म ज्वर विकराल!! 


माँ सुंदर भव्य रूप है तेरा! 

सब जन दिव्यता डाल!! 


मांँ रौद्र रूप धर तू चंडिका! <

/p>

सीमा पर मचा धमाल!! 


तेरी क्रोधाग्नि समा शूरों में... 

हो भस्मित अरि अकाल!! 


देख आर्यावर्त में कोटि दुर्गा! 

शत्रु विस्मृत दुष्ट चाल!! 


माँ भीषण महामारी आ गई

सभी कोरोना-गाल!! 


माँ अपनी शुभ मंगलमयता का... 

बिछा दे तु महाजाल!! 


अपने आशीष के आंँचल में... 

 माँ सबको ले संभाल!! 


अनिष्टहर्ता तू परम कल्याणी! 

मांँ! कृपा -दृष्टि तु डाल!! 


माँ प्रतीक्षित तव शुभ आगमन... 

अर्पित हृदय की माल!! 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics