STORYMIRROR

डॉ. Pankajwasinee

Others

4  

डॉ. Pankajwasinee

Others

शीर्षक

शीर्षक

1 min
276

परम स्नेहमयी स्कंदमाता ! 

मन से करो माँ -आराधना !! 


मनोरथ सारे पूर्ण करतीं ! 

मातु मोक्ष के द्वार खोलतीं !! 


रूप शुभ इनका अति मनोहर ! 

भक्तजनों हित सदैव तत्पर !! 


कर एक में लिए बाल स्कंद ! 

शोभित हैं उभय कर में कमल !!


शेष कर में धारे माँ तीर ! 

रणक्षेत्र में हैं अतुलित वीर !! 


मातु हैं चारभुजा धारिणी ! 

पद्मासन -प्रिय सिंह वाहिनी !! 


स्कंदमातु का सजा दरबार ! 

आसुरी शक्तियाँ गईं हार !! 


आओ कर लो माँ की पूजा ! 

कल्याणकारी कौन दूजा !?! 


मन में शुभता भरती माता ! 

तुझसे है माँ हिय का नाता !! 


तुझ बिन माता हम हैं अनाथ ! 

कृपा, आशीष दे : कर सनाथ !! 


तेरे हैं हम सभी स्कंद माँ ! 

सकल विपदा को कर भंग माँ !! 


सारे क्लेश हृदय के हर लो ! 

प्रकाश प्रेम दया का भर दो !! 


चरणों में धर शीश नवाएँ...! 

भवसागर से झट तर जाएं !! 



Rate this content
Log in