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डॉ. Pankajwasinee

Classics

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डॉ. Pankajwasinee

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करो माँ उद्धार

करो माँ उद्धार

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भक्ति भाव ले हृदय, आए तव द्वार ! 

शीश नत चरणों में, करो मांँ उद्धार !! 


सृष्टि की उत्पत्ति के पूर्व छाया था.... 

जग में चहुँओर गहनतम अंधकार !! 


था न कोई भी जीव जंतु धरा पर ! 

तब लीं मांँ अंबे कुष्मांडा अवतार !! 


मंद स्मिति से रच दिया कुल ब्रह्मांड ! 

कहलाईं आदिशक्ति चतुर्थ अवतार !! 


आयु यश बल ऐश्वर्य प्रदायिनी हैं ! 

सृष्टिकर्ता माँ शुभता की आगार !! 


शंख चक्र गदा धनुष बाण शुभ कमल... 

कमंडल जपमाला अष्टभुजा धार !! 


अनाहत चक्र को मांँ करें नियंत्रित ! 

गदा चिह्न है पूर्ण विजय : कुल विकार !! 


ईश्वरीय ज्ञान धारण कर कमंडल ! 

करतीं प्रभु ज्ञान का अन्य में प्रसार !! 


धनुष बाण चढ़ा ज्ञान - तीर चलाएंँ...! 

शुभ कलश में धर भक्त हित अमिय सार !!


चक्र कराता निज शक्ति की पहचान! 

कमल प्रतीक कलि- दोषों का परिहार !! 


माला ले मांँ करें नित अजपा जाप...... 

इक परमात्मा शिव का ही लगातार !! 


कहतीं मांँ : भक्तों, पहचानो निज स्रोत ! 

पा विकारों पर विजय, कर निज उद्धार !


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