Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kajal Kumari

Classics

4  

Kajal Kumari

Classics

शारदीय नवरात्रि में ,

शारदीय नवरात्रि में ,

1 min
248


शारदीय नवरात्रि में , कर ले मन उपवास !

आदिशक्ति अवलंब ले , कर ले आत्म विकास !!


मन बुद्धिहिं का वास हो , जगदम्बा के पास !

संयम नियम सुबंध हो , सफल जान उपवास !!


वासंती अरु शारदीय , महिमा है उपवास !

ग्रीष्म शीत रक्षण लिए , कारण स्वास्थ्य प्रयास !!


आदिशक्ति जगदम्बिका , महाशक्ति गुण खान !

तन मन बुद्धि कर प्रबल , करें आत्म उत्थान !!


नर तनु के नौ दुर्ग को , नौ दिन करू बलवान !

भाव यही नवरात्रि का , सफल तबहिं मनु जान !!


तन को ही करना नहीं , केवल यह उपवास !

वास सदा मन का रहे , शक्ति अम्ब के पास !!


मन हेतुहिं उपवास है , मन हेतुहिं सब ग्रन्थ !

मन हेतुहिं सृष्टि सकल , मन हेतुहिं सब पंथ !!


शक्ति प्राप्ति का मूल है , शक्ति मास नवरात्रि !

तन मन शक्तिहिं युक्त हों , पाय शक्ति माँ दात्रि !!




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics