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Suman Mohini

Classics Inspirational

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Suman Mohini

Classics Inspirational

समन्वय

समन्वय

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दो कदम तुम चलो और दो कदम हम भी चलें

कदम कदम बढाकर हम जीवन रास्ता तय करें


थोड़ा धीरज मैं रखूं तो थोड़ा धीरज तुम भी धरो

छठ जायेंगे गम के बादल तुम इतना यकीं करो


मैं अपने मन की कहूं तुम अपने मन की कहो

एक दूजे को समझने का यह प्रयास सफल हो


मैं भी तन्हा ना रहूँ और तुम भी तन्हा ना रहो

भाग दौड़ भरी जिंदगी से कुछ लम्हे चुराते रहो


मैं तुम्हारी मदद करूं तुम भी मेरी मदद करो

आपस में सामंजस्य से ही जीवन यापन करो


मैं तुमसे गिला करूं तुम मुझसे शिकायत करो

इन शिकवे शिकायतों में समय ना जाया करो


मैं तुमको माफ़ कर दूँ तुम मुझको माफ़ करो

बड़प्पन इसी में ग़लतफ़हमी के जाले साफ़ करो 


मैं तुम पर यकीं करूं तुम मुझ पर यकीं रखो  

आपस में मनमुटाव की कोई गुंजाईश ना रखो  


सरल हो जाएगा जीवन आपस में तालमेल से  

दो दिन की है जिन्दगी इसे जीलो हंस खेल के।


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