रंग ढंग
रंग ढंग
मतलब का संसार यहाँ सब मतलब के हैं यार
हमसे से काम तो काम के वर्ना हम हैं बेकार
चाटुकारिता करने वाले लोग ही सब को भाते
काम से काम रखने वाले किसी को नहीं सुहाते
जीने का ढंग बदल गया है बदल गए सब नाते
दिल से रिश्ता नहीं बस औपचारिकता निभाते
अच्छे काम में कभी कोई भूमिका ना निभाते
काम बिगाड़ना हो तो सबसे पहले वो आ आते
पीठ पीछे एक-दूसरे की खिल्ली है सदा उड़ाते
मगर सामने हो तो बस मीठा मीठा बतियाते
सहनशीलता रही नहीं अब संस्कार भी भुलाये
बड़ों का सम्मान नहीं ना छोटों को गले लगाते
मैं ही मै की हरेक जन ने बस रटन है लगाया
पहले जैसा नहीं समय अब नया दौर है आया।