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Suman Mohini

Romance

3  

Suman Mohini

Romance

छोटी कविता

छोटी कविता

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दुनिया के सितम हमने इतने ना सहे होते

गर तुम ना हसीं होते गर हम ना जवां होते 

रुसवाइयाँ ना होती अरमान भी ना होते 

हम कभी आपस में गर मिले ही ना होते 

अब गिला करें क्या इस मिलन का मगर 

गर हम ना मिले होते तो क्या काफिले ना होते 

जालिम जमाना ये एक दम नहीं बदलता

इसकी कसौटी पे फिर कोई और खड़े होते 

जीवन यूं ही चलेगा और चलता रहेगा 

चाह के भी जिंदगी के फलसफे नहीं बदलते 


  


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