सफर
सफर
जीवन की राहें कटीली सही पर कट जाएँगी
अम्बर में काली बदली सही सब छठ जाएँगी
अडिग रहना अपनी डगर पर डगमगाना मत
तूफान भी गर आये तो बस सकपकाना मत
हर काली रात के बाद नया सवेरा आता है
चहु ओर सुख की चाँदनी विखेरता जाता है
भरोसा रख खुद पे एक दिन वो भी आयेगा
चारों दिशायों में सुख की बरखा ही पायेगा
गुमां ना करना तुम ना होशो हवास खोना
सुख मिले या दुःख धैर्य से ही काम करना
हर किसी के हिस्से में दुःख और सुख आते
गर दुःख की अनुभूति हो सुख को जी पाते
लम्बा सफ़र यह जीवन का चलते ही जाना है
मीलों दूर चल कर ही तो मंजिल को पाना है
इस जग की सब बाधाओं को जो पर कर गया
जीवन इसी का नाम है वह यह समझ गया।
