नारी श्रद्धा गान
नारी श्रद्धा गान
कलम फूट फूट कर रोए
तो तकलीफ लिखूं।
लिखे कलम पर कलम का जिक्र ना हो
तो त्याग लिखूं।
चले बार बार चले फिर भी कुछ ना उगे
तो संघर्ष लिखूं।
खिले कलम गुलाब सा
तो सौंदर्य लिखूं।
हो पुष्प वर्षा कलम से
तो सम्मान लिखूं।
मिले कलम ऐसी मुझको
तो नारी श्रद्धा गान लिखूं।
