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Vivek Agarwal

Classics Inspirational

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Vivek Agarwal

Classics Inspirational

तेरे रंग में रंगा है मेरा मन

तेरे रंग में रंगा है मेरा मन

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तेरे रंग में रंगा है मेरा मन


तन पर क्या मैं रंग लगाऊँ,

तेरे रंग में रंगा है मेरा मन।

नाम तेरा ही जपूँ रात दिन,

बस तेरी भक्ति में ही मगन। 


अबीर-गुलाल-टेसू का क्या है,

सब दो पल में धुल जायेंगे। 

श्याम रंग है इतना पक्का, 

जनम जनम की लगी लगन। 


फागुन का फिर मौसम आया,

होती रंगों की बारिश हर ओर। 

तेरा रूप रंगीला बड़ा मनोहर,

नहीं पलक झपकते मेरे नयन। 


पीताम्बर सोहे नील वर्ण पर,

अधर गुलाबी चंचल चितवन। 

जिधर देखूं उधर तेरी मूरत,

चाहे धरती हो चाहे गगन। 


जय बांके बिहारी हरे मुरारी, 

एक छोटी सी मेरी विनती है। 

कभी चढ़े ना कोई रंग दूजा,

रहें मन में निरंतर तेरे चरन। 


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