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MS Mughal

Romance Classics Inspirational

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MS Mughal

Romance Classics Inspirational

दिलबर ओ दिलरुबा हो तुम

दिलबर ओ दिलरुबा हो तुम

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सुलगते हुए हुस्न ए शोला में,हसीन होंशरूबा हो तुम 

दिल ए जां जान ए जहां, दिलबर ओ दिलरुबा हो तुम


होंशरूबा ( होश उड़ा देने वाला )

दिलबर ( दिल का टुकड़ा)दिलरुबा ( दिलकश,दिल लुटने वाला,

दिल को भाने वाला,दिल लुभाने वाला)

गुल ओ गुलशन ओ बहार ए चमन ए दिल ए नादाँ में 

खुशनुमा खुशबू ए चमन, बे खार बर्ग कहरुबा हो तुम 


बे खार बर्ग कहरुबा ( बगैर कांटो का हमेशा हरा भरा रहे वाला पेड़)

हसीन हुस्न ए परी पैकर, हुस्न ए बे पर्दा तर्ज़ ओ नाज़

हूं हर पल मे दीवाना तेरा, दिलरुबा ओ जां रूबा हो तुम 


 जां रूबा ( दिल ओर जान में उतर जाने वाला,

दिल ओर जान को भाने वाला) 

गिरफ्तार है हसन तेरे तर्ज़ ए नाज़ ए जुल्फ ए जंजीर में 

हसीन होशरूबा दिलबर ओ दिलरुबा बला रूबा हो तुम।


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