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Badal Singh Kalamgar

Romance

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Badal Singh Kalamgar

Romance

किताबों में ऐसा सोचा ना था

किताबों में ऐसा सोचा ना था

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हम जीएंगे प्रेम में इस तरह

किताबों में ऐसा सोचा ना था

वो हकीकत बन कर आएगी दुल्हन

सच है ख्वाबों में ऐसा सोचा ना था 

जीये हैं जिसको सपनों में देखे हुए 

मरेंगे उसको जीते हुए ऐसा सोचा ना था 

लिखा है जिसको बहुत पहले तन्हाइयों में 

गुनगुनाना पड़ेगा महफिलों में ऐसा सोचा ना था 

जिसको पाना एक ख्वाहिश थी आंख भर रोने का

उसके साथ मुस्कुराना पड़ेगा ऐसा सोचा ना था

हम थे कहीं अलग अलग तस्वीरों में हंसते रोते 

एक ही तस्वीरों में मड़ना होगा ऐसा सोचा ना था


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