सबके अपने बाबू जी
सबके अपने बाबू जी
सबके खुशियों के अरमान होते हैं सबके अपने बाबू जी
बचपन मे खिलौनों की दुकान होते हैं सबके अपने बाबू जी
मा घर का कोना कोना सजाती बनाती रहती है
और वो पूरा मकान होते हैं सबके अपने बाबू जी
बेटी का प्यार दुलार जब जाती है ससुराल जो आंसू छुपाये रोये
ऐसे होते हैं सबके अपने बाबू जी
बेटे को अनुशाशन संयम सिखाने वाले जीवन को
नयी दिशा देने वाले ऐसे होते हैं सबके अपने बाबू जी
मेरी मां है जमीं और मै नन्हा पौधा
मेरा तो पूरा आसमान होते है मेरे अपने बाबू जी
एक तस्वीर में इनको महसूस करता रहता हूं
अनुशाशन सयंम सब सीखता रहता हूँ
कैसे लड़ना है जीवन की परिस्थितियों सब
अहसास कराते रहते हैं ऐसे हैं मेरे अपने बाबू जी।