व्याकुल है मन..
व्याकुल है मन..
व्याकुल है मन व्याकुल है तन
व्याकुलता है जीवन में
एक तुम्हारे प्रिय मेरे
नही है कुछ कंचन नैनन मे
तेरे जैसी ना खुशबू है
इन फूलों चंदन मे
मै हो गयी तेरी दीवानी
और ना कुछ है मुझ जोगन मे।
व्याकुल है मन व्याकुल है तन
व्याकुलता है जीवन में
एक तुम्हारे प्रिय मेरे
नही है कुछ कंचन नैनन मे
तेरे जैसी ना खुशबू है
इन फूलों चंदन मे
मै हो गयी तेरी दीवानी
और ना कुछ है मुझ जोगन मे।